भोपाल। आगरा में स्थित ताजमहल ही भारत का एक मात्र ताजमहल नहीं है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी एक ताज महल है. इस महल को भोपाल की महिला नवाब शाहजहां बेगम ने बनवाया था. लेकिन उसकी खूबसूरती देख लोग उसे ताजमहल कहने लगे. यह महल 17 एकड़ से ज्यादा की जमीन पर बना है. ताजमहल में पाकिस्तान से आए सिंधियों को पनाह भी दी गई थी. लेकिन अब यह खूबसूरत ताजमहल बदतर हालत में है. (Bhopal Nawab Shahjahan Begum) (Bhopal Taj Mahal dilapidated condition) आखिर क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी और क्यों वक्त का मारा हो गया है एक महिला नवाब की तामीर की गई कला का नायाब नमूना कहे जाने वाला ताजमहल जानते हैं. (Bhopal Archeological Monuments)
पाकिस्तान से आए सिंधियों को ताजमहल में दी शरण:पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को 15 साल से ज्यादा समय तक ताजमहल में कमरों में शरण दी थी. भोपाल में रह रहे कई लोग इसे अभी भी याद करते हैं और कहते हैं कि यह वही ताजमहल है जिन्होंने हमारे पूर्वजों को शरण दी. 80 के दशक तक सभी को यहां से हटा दिया गया और पुरातत्व विभाग ने इसे अपने संरक्षण में ले लिया. बीते कई सालों में ताजमहल पर तीन करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं, लेकिन सुधार के नाम पर कुछ भी नहीं दिख रहा, बल्कि ये खूबसूरत ताजमहल खंडहर बनता जा रहा है.
3 करोड़ खर्च फिर भी बदहाल महल: 3 साल पहले ताजमहल से लगे तीन मोहरे के पत्थर गिर गए थे. इनका दोबारा काम किया गया जो कि भोपाल स्मार्ट सिटी में जयपुर के कारीगरों से करवाया था. जब यह पुरातत्व संग्रहालय के अधीन था तो इसका रिनोवेशन कराया गया. 10 साल में पुरातत्व संग्रहालय ने इस पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. World heritage Bhopal Taj Mahal
मंदिर गवाह है शरणार्थियों का:ताजमहल से लगा सिंधी समाज समुदाय का मंदिर भी है. 1952 में बना बाबा गरीब दास का बोर्ड आज भी यहां मौजूद है. सिंधी समुदाय के लोग यहां आज भी दर्शन करने मंदिर में आते हैं. यह इमारत तकरीबन 146 साल पुरानी है. इसे हेरिटेज होटल बनाने के लिए लीज निरस्त करने के बाद इंदौर की गोल्डमैन होटल्स को दोबारा सौंपा गया. इंदौर की निवेशक कंपनी को 5 करोड़ 11 लाख में इमारत 90 साल के लिए लीज पर दी गई थी. लेकिन समय सीमा में होटल नहीं बनने के कारण मार्च 2020 में लीज निरस्त कर दी गई. मामला हाईकोर्ट चला गया, हाई कोर्ट ने शासन के पास जाने के निर्देश निवेशक कंपनी को दिए. अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के चलते यह काम नहीं हो पाया. अभी गोल्डमैन होटल एंड रिजॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का बोर्ड दरवाजे पर चस्पा है. पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि कोरोना के चलते हेरिटेज होटल बनाने का काम रुक गया था.अब इस पर डीपीआर का काम चल रहा है और उसके बाद इसे हेरिटेज होटल में बदलने की कार्रवाई शुरू होगी.