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सर्दी के सितम में यात्रियों के लिए क्या हैं व्यवस्थाएं, भिंड में रैन बसेरों का ETV भारत ने लिया जायज़ा! देखिए सरकारी व्यवस्था की असल हकीकत

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Published : Dec 28, 2021, 7:46 PM IST

MP में ठंड का सितम बढ़ गया है. ऐसे में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए भिंड नगर पालिका ने 2 रैन बसेरों की व्यवस्था की है (government arrangements for severe cold in Bhind). ETV भारत संवाददाता ने इन रैन बसेरों का रियलिटी चेक किया और वहां रुके यात्रियों से मुहैया कराई जा रही सुविधाओं का हाल जाना. आप भी देखिए आखिर कड़ाके की ठंड में क्या है रैन बसेरों की असल हकीकत (Bhind Shelter homes realty check).

Municipality arranged night shelters in Bhind
भिंड में नगर पालिका ने की रैन बसेरों की व्यवस्था

भिंड। मध्य प्रदेश में ठंड का असर दिखने लगा है, भिंड में रात का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच रहा है. ऐसे में यहाँ आने वाले यात्रियों को इस मौसम में रात में रुकने के लिए रैन बसेरे बनाए गए हैं. यात्रियों के लिए रैन बसेरों में कितनी सुविधाएँ मिल रही हैं ये जानने के ETV भारत ने रात में रियलिटी चेक किया.

भिंड में रैन बसेरे पर ETV भारत ने लिया जायज़ा

भिंड में संचालित हैं 2 रैन बसेरे

ठंड का मौसम अभी शुरू ही हुआ है कि मध्यप्रदेश में सर्दी का सितम देखने को मिलने लगा है. पारा दिनों दिन गिरता जा रहा है, रातें और भी सर्द होने लगी हैं. भिंड ज़िला मुख्यालय पर नगर पालिका की ओर से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत 2 सार्वजनिक स्थानों पर रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हैं (Bhind Shelter homes realty check). पहला रैन बसेरा यात्री बस स्टैंड परिसर के पास और दूसरा ज़िला अस्पताल परिसर में बनाया गया है. ये दोनों ही रैन बसेरे पूरी तरह निशुल्क सेवा दे रहे हैं.

सुविधाओं से संतुष्ट नज़र आए यात्री

ETV भारत संवाददाता ने नगर पालिका द्वारा की गयी व्यवस्था का जायज़ा लिया. यात्री बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे पर पाया कि रैन बसेरे में क़रीब 7 यात्री आराम कर रहे थे. उनसे बात करने पर एक यात्री ने बताया की वह उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से आया है और गुजरात जाने वाला था लेकिन भिंड से जाने वाली बस छूट गई जिसके चलते उसे यह रुकना पड़ा. यात्री ने रैन बसेरे की सुविधाओं की तारीफ़ करते हुए बताया की उसे किसी प्रकार की परेशानी नही हुई. पर्याप्त बिस्तर के साथ उसे सर्दी से बचने के लिए कम्बल भी उपलब्ध कराया गया है. वहीं एक अन्य यात्री ने कहा कि घर जैसी सुविधाएँ तो नही मिल सकती, लेकिन मँझधार में अटके इंसान के लिए आसरा ही बहुत होता है (Bhind poor people stuck in shelter homes). उस हिसाब से व्यवस्थाएं काफी अच्छी हैं.

एक साथ 20 यात्रियों के लिए है व्यवस्था

रैन बसेरे पर नगर पालिका की ओर से नियुक्त केयर टेकर ने बताया कि, उनके यहाँ यात्रियों के लिए 20 बेड की व्यवस्था है (government arrangements for severe cold in Bhind). साथ ही यात्रियों के बढ़ने पर अतिरिक्त बेड भी स्टोर में उपलब्ध हैं. यात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था के लिए आरओ वॉटर उपलब्ध है, सार्वजनिक स्थान होने की वजह से सुरक्षा दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं. पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग कमरे हैं, जिनमें 10-10 बेड दिए गए हैं. ये सभी सुविधाएं पूरी तरह निशुल्क है.

ये कमियाँ जिन्हें दूर करने की ज़रूरत

रैन बसेरे की हालत काफ़ी संतुष्टिजनक है लेकिन कुछ कमियाँ भी नज़र आयीं, रैन बसेरे की बिल्डिंग की काफ़ी समय से पुताई नही हुई है. दूसरी समस्या यह कि बेड पर चादरें तो उपलब्ध हैं लेकिन वे साफ़ सुथरी नही थी. कोरोना के खतरे को देखते हुए सेनिटाइजेशन की कमी थी, जो सीधा संक्रमण को बुलावा देने का संकेत बन सकता है. साथ ही अलाव की व्यवस्था नगर पालिका ने की तो है, लेकिन वह 300 मीटर दूर बस स्टैंड पर है. ऐसे में यात्री ठंड से बचने के लिए सिर्फ़ एक कम्बल के भरोसे हैं.

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