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यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान, फसल बर्बाद होने का सता रहा है डर

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Published : Aug 18, 2020, 1:55 PM IST

प्रदेश में किसान का बेटा और किसानों की सरकार होने की बात कहने वाली शिवराज सरकार में भी किसान खाद के लिए परेशान हैं.

Annadata worried about not getting compost in Bhind
भिंड में खाद की किलल्त

भिंड।कभी बाढ़, कभी ओलावृष्टि तो कभी सूखा से प्रभावित किसान इतनी परेशानियां झेल कर भी हर साल फसल उगाता है और देश का पेट भरता है, फिर भी किसान को अक्सर सिस्टम से मायूसी हाथ लगती है. किसानों की सरकार होने का दावा करने वाली शिवराज सरकार के दौर में भी किसान खाद के लिए परेशान हैं, कुछ ऐसा ही हाल है भिंड में जहां सरकारी नुमाइंदों के मुताबिक खाद की कमी तो नहीं है, लेकिन किसान फिर भी सोसायटी से खाली हाथ जाने को मजबूर हो रहा है.

खाद न मिलने से परेशान अन्नदाता

भिंड में हर रोज सैकड़ों किसान खेतों में खड़ी फसल के लिए खाद लेने सरकारी सोसायटी और खाद वितरण केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां किसानों को घंटों इंतजार के बाद भी सिर्फ मायूसी हाथ लग रही है. किसानों ने बताया कि, पिछले कई दिनों से वे घंटों लाइन में लग रहे हैं, लेकिन कभी ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी लाइन को तितर-बितर कर देते हैं, तो कभी टोकन खत्म होने की बात कह दी जाती है, जिससे उन्हें यहां से खाली हाथ लौटना पड़ता है.

कर्मचारियों ने किसान के आरोप को बताया निराधार
खाद लेने पहुंचे किसानों ने सोसायटी पर खाद की कालाबाजारी कर प्राइवेट दुकानों को बेचने के आरोप लगए हैं. किसानों ने बताया कि, नियमानुसार आधार कार्ड पर 2 बोरी और किताब के साथ होने पर 5 बोरी खाद मिलने का प्रावधान है. लेकिन यहां आधार कार्ड पर एक और किताब के साथ दो से तीन बोरी खाद ही दी जा रही है. लेकिन सोसायटी कर्मचारी किसान के आरोप को निराधर बताते हैं.

विपक्ष का आरोप
किसान की परेशानी पर कांग्रेस प्रवक्ता और जिला महामंत्री डॉ अनिल भारद्वाज का कहना है कि, बीजेपी का असली चेहरा सामने आ चुका है. यह किसानों की नहीं किसान विरोधी सरकार है. जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब यूरिया की किल्लत दूर करने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार से प्रदेश को खाद न मिलने पर भी प्रदेश ने काफी प्रयाश किए थे. अनिल भारद्वाज ने कहा कि, अगर किसान कि समस्या का हल नहीं निकलता तो कांग्रेस आंदोलन करेगी.

कलेक्टर बोले खाद की नहीं होगी किल्लत
कलेक्टर डॉ वीरेंद्र नवल सिंह रावत का कहना है कि, बीच में खाद की कमी तो जरूर आई थी, लेकिन अब 6 से 7 सौ मीट्रिक टन खाद अलग से मांगी गई है. अगले 2 दिन में अभी और भी खाद आने की संभावना है. हालांकि किसानों की समस्या पर कलेक्टर ने स्टॉक आने पर समस्या दूर होने का आश्वासन दिया. इसके अलावा धांधली के सवाल पर कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

प्रशासन उठाए कदम
अभी किसानों की फसल खेतों में खड़ी है, लेकिन सोसायटी से खाद न मिल पाने के कारण किसान को फसल खराब होने की आशंका सता रही है, जिस कारण कई किसान प्रायवेट दुकानदारों से खाद खरीदने को मजबूर हैं.

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