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Betul Bank scam: बैंक घोटाले के आरोपी विनय कुमार ओझा को मिली जमानत, क्रिकेटर नमन ओझा बोले- गलत तरीके से बनाया पिता को आरोपी

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Published : Jun 8, 2022, 11:44 AM IST

बैतूल में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में करोड़ों के गबनकांड के आरोपी विनय कुमार ओझा जेल से बाहर आ गए हैं. उन्हें मुलताई कोर्ट से बेल मिल गई है. रिहाई के बाद विनय कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि उन्हें फंसाया गया है. उनका कहना है कि इस गबन कांड की शिकायत उन्होंने खुद की थी. (Bank of maharashtra fraud case in betul) (Vinay Kumar Ojha gets bail)

Vinay Kumar Ojha gets bail
विनय कुमार ओझा को मिली जमानत

बैतूल।मध्यप्रदेश के बैतूल में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सवा करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को जमानत मिल गई. मुलताई के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने विनय ओझा की जमानत मंजूर की है. विनय ओझा बैतूल में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर थे. गबन के मामले में वह लंबे समय से फरार थे. पिता को जमानत मिलने के बाद पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा ने कहा कि उनके पिता को गलत तरीके से आरोपी बनाया गया है. (Betul bank of Maharashtra scam)

क्रिकेटर नमन ओझा के पिता ​विनय ओझा को मिली बेल

सोमवार को किया था गिरफ्तार:बैंक आफ महाराष्ट्र के गबन कांड के आरोपी विनय ओझा को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. जहां से एक दिन की रिमांड पर लिया था. मंगलवार को पहले उन्हें जेल वारंट पर जेल भेजा गया. इसके बाद उनके अधिवक्ता की ओर से दूसरी कोर्ट में प्रस्तुत जमानत आवेदन पर सुनवाई की गई. आवेदन को स्वीकार कर उन्हें जमानत दे दी गई. उन पर सवा करोड़ के गबन मामले में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है.

फरियादी को बनाया आरोपी:जेल से बाहर आने पर विनय कुमार ओझा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया. उनका कहना है कि इस गबन कांड की शिकायत उन्होंने खुद की थी. मैं खुद थाने गया और सरेंडर किया. उन्होंने कहा मेरे बेटे के नाम पर मुझे दबाया गया. वहीं नमन ओझा ने कहा कि हमें बेल मिल गई है, क्योंकि आरोप तो कुछ था ही नहीं. गलत तरीके से आरोपी बनाया था जिसके चलते मेरे पिता बहुत परेशान रहते थे. आरोपी के वकील अंशुल गर्ग का कहना है की पुलिस ने फरियादी को आरोपी बना दिया. 2013 में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर अभिषेक रत्नम ने विनय ओझा की अनुपस्थिति में बैंक खुलवाकर गबन किया. इसकी शिकायत विनय ओझा ने खुद की और किसानों को भी सूचना दी.

मेरे दो केसीसी खाते थे. एक में एंट्री उस दिन की थी जब मैं बैंक में नहीं था. मैंने देखा कि रविवार के दिन एंट्री हुई थी. मेरे आईडी पासवर्ड चोरी किए गए थे. जिन तारीखों में यह कार्य किया गया. उन तारीखों में मैं बैंक में उपस्थित ही नहीं था. इसकी शिकायत मैंने बैंक अधिकारियों से की थी.

विनय ओझा, गबन कांड के आरोपी

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यह था पूरा मामला:यह पूरा मामला 2013 में मुलताई थाना क्षेत्र के जौलखेड़ा में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में हुआ. मुलताई क्षेत्र के तरोडा बुजुर्ग निवासी दर्शन नाम के किसान की मौत होने के बाद उसके नाम से खाता खोलकर रुपये निकाल लिए गए थे. अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी. बैंक में पदस्थ बैंक प्रबंधक अभिषेक रत्नम, सहायक प्रबंधक विनय कुमार ओझा, एकाउंटेंट नीलेश छात्रोले, दीनानाथ राठौर सहित अन्य पर धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65, 66 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बताया जा रहा कि गबन की गई राशि आरोपियों ने आपस में बांट ली थी. इस मामले में 10 आरोपी थे, जिनमें 6 पहले गिरफ्तार हो चुके हैं. एक कि मौत हो चुकी है और दो को पृथक किया गया था. विनय कुमार ओझा 8 साल से फरार थे.

(Bank of maharashtra fraud case in betul) (Vinay Kumar Ojha gets bail)

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