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Anuppur Court Verdict: नाबालिक युवती से दुष्कर्म करने वाले और दुष्कर्म में सहयोग देने वाले आरोपियों को आजीवन कारावास

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Published : Aug 2, 2022, 1:55 PM IST

Anuppur rape accused life imprisonment

Anuppur Court Verdict: एमपी के अनूपपुर जिले में नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. (Anuppur rape accused) (Anuppur rape accused life imprisonment)

अनूपपुर। विशेष न्यायाधीश ने नाबालिग बच्ची के केस में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामला शहर के चचाई थानाक्षेत्र का है. यहां मोनू नाम के आरोपी ने जयराम रवानी के साथ मिलकर एक माइनर बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया था. कोर्ट ने मोनू को पास्को एक्ट के तहत 20 वर्ष की सजा, भारतीय दंड विधान की धारा 376 के तहत 10 वर्ष, 368 के तहत 5 वर्ष, 366 के तहत 7 वर्ष, 368 के तहत 5 वर्ष, 342 के तहत 1 वर्ष, 323 के तहत 1 साल की सजा दी है. इसके साथ ही उसके सहयोगी को भी सजा सुनाई है. (Anuppur rape accused) (Anuppur rape accused life imprisonment)

कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख: कोर्ट के फैसले की जानकारी अभियोजन पक्ष से राकेश पाण्डेय ने दी और कहा कि प्रकरण राज्य शासन द्वारा गंभीरता से लिया गया था, हालांकि इसे सनसनीखेज रूप मे घोषित किया गया था. जिसका विचारण न्यायालय में कलेक्टर सोनिया मीना और पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के आवश्यक निर्देशों के साथ जिला अभियोजन अधिकारी के अभियोजन संचालन में हो रहा था. जिसमें अभियोजन ने मामले को साबित करने के लिए 28 गवाह और 39 दस्तावेज प्रस्तुत किये. प्रकरण की विवेचना एसडीओपी उमेश कुमार गर्ग द्वारा किया गया था.

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पीड़िता को बंद किया था घर में: 24 नवम्बर 2018 को शाम 6 बजे पीड़िता किराना सामान लेने के लिए अपने घर से निकली थी. रास्ते में आरोपी मोनू मिला ने उसे जबरदस्ती अपने साथी आरोपी जयराम के घर में रोककर कई बार दुष्कर्म किया. आरोपी यहीं नहीं रुका उसने दूसरे दिन अपने घर ले जाकर कमरे में बंद करके फिर से दुष्कर्म किया. लड़की को खोजते हुए जब उसके परिजन आये, तब घटना की रिपोर्ट की गई. पीड़िता का मेडिकल हुआ, आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर सम्पूर्ण विवेचना के बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. न्यायालय में आरोपीगणों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही पीड़िता को 5 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश भी दिया है.

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