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शर्मनाक! 'मामा' के राज में बहनें बनी बैल, कलम चलाने वाले हाथों से हल संभाल रही भांजियां

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Published : Jul 12, 2021, 1:43 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 11:36 AM IST

women took place of oxen

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही खुद को प्रदेश की महिलाओं का भाई बताते हैं और बेटियों को अपनी भांजी बताते नहीं थकते, इसीलिए शिवराज सिंह को मामा (उपनाम) से भी जाना जाता है, पर मामा के राज में बहनों-भांजियों की ये दुर्दशा किसी भी समाज में स्वीकार्य नहीं है. आगर मालवा में जीविका चलाने के लिए महिलाएं खुद बैल बन हल खींच रही हैं और मासूम बेटियां कलम चलाने की उम्र में हल संभाल रही हैं.

आगर मालवा। मध्यप्रदेश सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती ये तस्वीर सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है. बैल की जगह हल खींचती महिलाएं पूरी मानवता और समाज को शर्मसार करती हैं. जिस देश में महिला को देवी की उपमा दी जाती है, ये भी कहा जाता है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः, यानि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है. फिर भी भारत में महिलाओं का संघर्ष किसी से छिपा नहीं है, महिला को त्याग एवं समर्पण का प्रतिरूप माना जाता है.

गरीबी की वजह से ये परिवार बैल खरीदने में सक्षम नहीं है, इसी वजह से महिलाओं को खुद ही बैल (Women Replace Bulls In Fields) की जगह हल खींचना पड़ रहा है. वहीं इस परिवार के बच्चों को भी मजदूरी करनी पड़ती है. ये महिलाएं अपने खेत में अंकुरित सोयाबीन की फसल में उगने वाले खरपतवार को नष्ट करने के लिए कल्पा चला रही हैं.

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बैल की जगह महिलाओं के हल खींचने (Women Replace Bulls In Fields) की ये तस्वीर जितनी भयावह है, उतनी ही सरकारी सिस्टम के लिए चुनौती भी है. बड़े-बड़े दावे करने वाली शिवराज सरकार और उनकी योजनाएं कैसे सरकारी फाइलों में दम तोड़ जाती हैं, ये तस्वीरें इसका जीता-जागता उदाहरण है.

Last Updated :Jul 13, 2021, 11:36 AM IST

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