आगर मालवा। पारंपरिक खेती से हटकर उन्नत खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए उद्यानिकी एवं खाद्य विभाग द्वारा जिले के 45 किसानों को मंदसौर, रतलाम और नीमच के कृषि महाविद्यालय में भ्रमण पर ले जाया गया है. किसानों के समूह के वाहन को कलेक्टर संजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
आधुनिक खेती की नई तकनीक सीखेंगे किसान, कृषि वैज्ञानिक देंगे प्रशिक्षण
आधुनिक खेती में किसानों की रुचि बढ़ाने के लिए उद्यानिकी एवं खाद्य विभाग आगर मालवा के 45 किसानों के दल को मंदसौर, रतलाम और नीमच के कृषि महाविद्यालय में खेती की तकनीकी जानकारी दी जाएगी.
जिले के 90 प्रतिशत से अधिक किसान परंपरागत खेती ही करते हैं, उनका रुझान आधुनिक खेती की और बड़े इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी के चलते किसानों का ये भ्रमण कार्यक्रम करवाया जा रहा है. इसके चलते यहां किसान, आम, बैर सहित जाम के बगीचों का भ्रमण कर फसल के विषय मे तकनीकी जानकारी हासिल करेंगे.
किसानों का यह समूह तीन दिन तक इन जिलों में भ्रमण करेगा. यहां किसानों को कृषि वैज्ञानिक भी खेती की तकनीकी जानकारी देंगे. उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अंतरसिंह कन्नौजी ने बताया कि 3 दिन के भ्रमण के दौरान किसानों के दल को खेती के उन्नत तरीके सिखाए जाएंगे.
-- परंपरागत खेती से हटकर उन्नत खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए उद्यानिकी एवं प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिले के 45 किसानों के एक दल को मंदसौर स्थित कृषि महाविद्यालय के भ्रमण पर ले जाया गया। दल के वाहन को कलेक्टर संजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
Body:बता दे कि जिले के 90 प्रतिशत से अधिक किसान परंपरागत खेती ही करते है उनका रुझान उद्यानिकी खेती की और बड़े इसके लिए प्रशासन द्वारा काफी प्रयास किये जा रहे है। इसके लिए परंपरागत खेती करने वाले 45 किसानों को मंदसौर, रतलाम व नीमच जिले के भ्रमण पर ले जाया गया यहाँ किसान, आम, बैर सहित जाम के बगीचों का भ्रमण कर फसल के विषय मे तकनीकी जानकारी हासिल करेंगे किसानों का यह दल तीन दिन तक इन जिलों में भ्रमण करेगा किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा भी खेती की तकनीकी जानकारी दी जाएगी।
Conclusion:उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अंतरसिंह कन्नौजी ने बताया कि 3 दिन के भ्रमण के दौरान किसानों का दल को खेती के उन्नत तरीके सीखेगा। किसानो उद्यानिकी खेती की तकनीकी जानकारी दी जाएगी। उसके बाद किसान अपने खेतों में इन तकनीकों का उपयोग कर संबंधित खेती कर सकेंगे।