उज्जैन।विश्व प्रसिद्द महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान् महाकाल को भी गर्मी नहीं लगे इसके लिए 11 जलहरियों से उन्हें जलधारा अर्पित की जाएगी. रविवार 17 अप्रैल प्रतिपदा के दिन मंदिर के पंडित और पुजारी बाबा को सुबह 6 से शाम 5 बजे तक गलंतिका (जलहरी) से जल चढाएंगे. यह जलधारा अगले 2 महीने तक लगातार शिवलिंग के ऊपर प्रवाहित होती रहेगी. भगवान महाकाल को जिन 11 जलहरी से जल अर्पित किया जाएगा उनके नाम 11 पवित्र नदियों के नाम पर होते हैं.
क्या है जलहरी चढ़ाने की मान्यता:आपने शिवलिंग के ऊपर एक स्टैंड पर पानी से भरी जलहरी (मिट्टी से बनी मटकी) जरूर देखी होगी. माना जाता है कि जेष्ठ और वैशाख माह में जब गर्मी अपने चरम पर होती है तब शिवलिंग के ऊपर ये जलहरी जरूर लगाई जाती है. माना जाता है कि भगवान शिव अपने गले में विष धारण किए हुए हैं. इसलिए गर्मियों के मौसम में उन्हें ठंडक देने के लिए ये जलहरी रखीं जाती हैं. जिनसे बूंद-बूंद कर जल शिवलिंग पर गिरता रहे और भगवान को ठंडक मिलती रहे. मान्यता है कि भगवान महाकाल इससे तृप्त होकर राष्ट्र व प्रजा के कल्याण के लिए सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं