ग्वालियर।मिलावट के खिलाफ प्रशासन ने लगातार मोर्चा खोला हुआ है. प्रशासनिक अमला जगह-जगह जाकर छापे मार रहा है. लेकिन चंबल में स्थिति बिलकुल उलट है. यहां 'सफेद जहर' घर-घर तक पहुंच चुका है. जाने-अनजाने लोग अपने बच्चों को इस सफेद जहर का सेवन करा रहे हैं. ईटीवी भारत की आपसे अपील है कि यह रिपोर्ट जरूर पढ़ें,और उस सफेद जहर के बारे में जानें, जिससे आपको और आपके बच्चों को बचने की सख्त जरूरत है.
चंबल में बिक रहा 'सफेद जहर'
ग्वालियर-चंबल में इन दिनों धड़ल्ले से दूध में मिलावट देखने को मिल रही है. यह 'सफेद जहर' अब लोगों के घर-घर तक पहुंच चुका है. पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल अंचल में दूध का उत्पादन होता है. सबसे ज्यादा नकली दूध भी यहीं बनाया जा रहा है. 'सफेद जहर' के काले कारनामों का ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है, कि आखिर कैसे ये आपके घर तक पहुंच रहा है.
बीहड़ों में काफी तलाश के बाद एक शख्स से ईटीवी भारत की टीम की मुलाकात हुई, जिसने इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा किया. उस व्यक्ति ने नकली दूध बनाने की पूरी विधि बताई. कैमरे में वह हर एक चीज कैद की गई, जिसके बारे में जानना आपके लिए जरूरी है. हालांकि व्यक्ति इस शर्त में खुलासा करने को तैयार हुआ कि उसकी न तो पहचान उजागर की जाए, न ही चेहरा और न ही स्थान. इसके बाद नकली दूध बनाने का सिलसिला शुरू हुआ...
नकली दूध में क्या-क्या मिलाया जाता है
1. कपड़ा धोने का कैमिकल :नकली दूध बनाने के लिए यह खतरनाक केमिकल का उपयोग होता है. यह सिर्फ डेयरी का सामान बेचने वाले या गिनी चुनी दुकानों पर मिलता है. ज्यादातर यह कैमिकल नकली दूध बनाने वाले माफिया को दिया जाता है.
2. रिफाइंड ऑइल का उपयोग :नकली दूध तैयार करने के लिए रिफाइंड ऑइल का भी उपयोग होता है. अमूमन इसे खाने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन नकली दूध बनाने के लिए भी इसकी जरूरत पड़ती है. रिफाइंड ऑइल नकली दूध में फैट (FAT) बढ़ाने के काम आता है.
3. शैंपू का उपयोग :नकली दूध बनाने के लिए शैंपू का उपयोग भी किया जाता है. नकली दूध बनाते समय शैंपू डालते हैं, तो नकली दूध में झाग उत्पन्न हो जाता है. जिससे यह साबित होता है कि दूध अभी ताजा ही है. आमूमन शैंपू का उपयोग बाल धोने के लिए किया जाता है.
4. यूरिया का उपयोग :चंबल में नकली दूध बनाने के लिए कुछ लोग यूरिया का भी उपयोग करते हैं. यूरिया काफी खतरनाक होता है, इससे लोगों की जान भी जाती है. यह सीधा नर्वस सिस्टम पर भी प्रभाव डालता है. लेकिन माफिया नकली दूध बनाने के लिए यूरिया का उपयोग करते हैं. जिससे दूध में सफेदपन बना रहता है.
ऐसे तैयार होता है नकली दूध