रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन यानी गुरुवार को भी सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति का मुद्दा छाया रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता नियोजन नीति के मुद्दे पर उलझते रहे. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार चाहती नहीं है कि राज्य के युवाओं को नौकरी मिले, इसलिए टालमटोल करते हुए समय पास कराना चाहती है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने नियोजन नीति के मुद्दे पर छात्रों के आंदोलन को सही बताते हुए कहा कि आज राज्य के युवा सड़कों पर हैं और सरकार सदन में चुप्पी साधे हुए है. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य के युवाओं को नौकरी भी मिलेगी और नियोजन नीति भी. उन्होंने 60/40 नियोजन नीति को सही करार देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी बार-बार उलझाने की कोशिश करती रही है, जिस वजह से जो नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होती है वह उलझ कर रह जाती है. ऐसे में सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह सही है और राज्य के युवा निश्चिंत रहें उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. इन सबके बीच खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने सरहुल के मौके पर सदन में आ रहे सभी विधायकों को गमछा भेंट कर प्रकृति पर्व की बधाई दी. शुन्यकाल के दौरान बिरंची नारायण ने कहा कि क्या यह बात सही है कि कृषि विभाग द्वारा संचालित स्कीम में 53 योजनाओं पर कोई खर्च ही नहीं हुआ है. ऐसे में मंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.