झारखंड की राजनीति 2005 से 2009 के बीच झंझावातों से जूझती रही. खंडित जनादेश के कारण राजनीति के समीकरण बनते-बिगड़ते रहे. गठबंधन के नेताओं में मनमुटाव और आपसी स्वार्थ इतनी पैठ बना चुकी थी कि आखिरकार एक निर्दलीय विधायक को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा. हालांकि, झारखंड की राजनीति में ये प्रयोग सफल नहीं रहा. ये वो दौर था जब झारखंड की सबसे ज्यादा बदनामी हुई. हम बात कर रहे हैं, झारखंड के निर्दलीय मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की (About Madhu Koda), जिनके नाम देशभर में रिकॉर्ड है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:32 PM IST