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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चाईबासा पुलिस की पहल, सामुदायिक पुलिसिंग से ग्रामीणों के साथ बेहतर समन्वय बनाने की कोशिश

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Published : Jun 25, 2023, 10:09 AM IST

पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में पुलिस और सीआरपीएफ ने सामुदायिक पुलिसिंग का आयोजन किया. इस दौरान हेल्थ कैंप लगाया गया और ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की गई. साथ ही जरूरी सामानों का वितरण भी किया गया.

community policing in chaibasa
community policing in chaibasa

चाईबासा:पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के घोर नक्सल प्रभावित और सुदूर क्षेत्र के गांव तुम्बाहाका और सरजोमबुरू में सामुदायिक पुलिसिंग का आयोजन किया गया. इस सामुदायिक पुलिसिंग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों तक सरकारी सुविधाओं को पहुंचाना और जिला प्रशासन और पुलिस के साथ बेहतर समन्वय और संपर्क बनाना है.

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इस सामुदायिक पुलिसिंग का आयोजन चाईबासा पुलिस और सीआरपीएफ के द्वारा किया गया. इन दोनों गांवों में आमजनों को लगातार नक्सलियों के द्वारा परेशान किया जाता रहा है. इस सामुदायिक पुलिसिंग के तहत ग्रामीणों के लिए आवश्यकतानुसार चिकित्सीय शिविर का आयोजन और आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया गया. चिकित्सीय शिविर में सदर अस्पताल, चाईबासा के डॉक्टरों की टीम ने विभिन्न परेशानियों और बिमारियों से ग्रसित ग्रामीणों का इलाज किया. साथ ही बच्चों से लेकर बुढ़ों को आवश्यक चिकित्सीय परामर्श और दवाइयां उपलब्ध कराया गया.

आवश्यक सामग्रियों का किया गया वितरण: चिकित्सीय शिविर के साथ ही जिला पुलिस और सीआरपीएफ ने गांव वालों के बीच आवश्यक सामग्री जैसे- छाता, साड़ी, मच्छरदानी, चप्पल, धोती, बच्चों के कपड़े इत्यादि सामानों का वितरण किया गया. उसी दौरान गांव वालों में कुछ खाद्य सामग्री का भी वितरण किया गया. इस शिविर से सरजोमबुरू और तुम्बाहाका गांव वाले काफी संतुष्ट दिखे. इस दौरान ग्रामीणों ने सरजोमबुरू-तुम्बाहाका-अंजदबेडा और तुम्बाहाका-रेंगडाहातु मार्ग को बनाने की मांग रखी.

माओवादी नेताओं के बारे में सूचना देने की अपील की गई: इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं का पोस्टर ग्रामीण क्षेत्र में लगाकर उनकी पहचान करवाई और सूचना देने की अपील की. बता दें कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत सरकारी सुविधा पहुंचाने, बेहतर समन्वय और संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि ग्रामीणों तक सरकारी सुविधा पहुंच सके और नक्सलियों को भी कमजोर किया जा सके.

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