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हल्की बारिश में ही हॉकी मैदान के 80% हिस्से में हो जाता है जलजमाव, मैदान पर खेलते हैं मेंढक

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Published : Sep 24, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 11:10 PM IST

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सिमडेगा में खेल मैदान निर्माण को भ्रष्टाचारियों (Corruption in construction of hockey ground) की नजर लग गई है. यहां न तो मिट्टी का भराव किया गया और न जल निकासी व्यवस्था की गई. इससे बारिश का सारा पानी हॉकी मैदान में ही आता है और वे पानी में डूब जाती है. हाल यह है कि दूसरी जगहों का भी पानी हॉकी मैदान में ही भरता है.

सिमडेगा: हॉकी की बात हो और सिमडेगा का जिक्र ना हो, ऐसा संभव नहीं. लेकिन हॉकी की नर्सरी नाम से प्रसिद्ध सिमडेगा में हॉकी खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां हॉकी मैदानों की ऐसी दुर्दशा हो रही है कि हल्की बारिश में ही मैदान पानी से लबालब हो जाता है और खिलाड़ियों के खेलने योग्य नहीं रह जाता है.

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केरसई प्रखंड के पश्चिमी टैंसेर पंचायत में कई गांव ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए पगडंडियों से गुजरना पड़ता है. इसी पंचायत क्षेत्र की रहने वाली हैं हॉकी इंडिया की पूर्व कप्तान और अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी असुंता लकड़ा. कभी किसी ने सोचा नहीं था कि इस सुदूरवर्ती क्षेत्र से निकलकर सिमडेगा की बेटी विश्व स्तर पर अपना परचम लहराएगी, परंतु असुंता लकड़ा को प्रेरणा मानकर प्रैक्टिस करने वाले इस क्षेत्र के बच्चों के सपनों को भ्रष्टाचारियों की नजर लग गई है. शायद यही कारण है कि भ्रष्टाचारी बच्चों के लिए बनाए जा रहे हॉकी खेल मैदान के पैसे की बंदरबांट करने से बाज नहीं आए.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


टैंसेर मिशन स्कूल के समीप हॉकी के दो खेल मैदानों का निर्माण कराया गया है, ताकि क्षेत्र के बच्चे अच्छे से हॉकी की प्रैक्टिस कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर सकें. इसके तहत हर खेल मैदान के लिए 14,51,100 रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. निर्माण हुआ परंतु ऐसा कि साल के कई महीने बच्चे प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं. हल्की बारिश में जलजमाव होने के कारण बच्चे प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं.

संत अन्ना बालिका उच्च विद्यालय टैंसेर और आरसी बालक मध्य विद्यालय टैंसेर के नाम से यहां 2 हॉकी खेल मैदान बनवाए गए हैं, जिसमें प्रत्येक खेल मैदान के लिए 14,51,100 की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से दोनों स्टेडियम के संवेदकों को 9,43,215 की राशि का भुगतान कर दिया गया है. लेकिन खेल मैदान निर्माण में मिट्टी का भराव नहीं किया गया. बस मैदान को समतल करके छोड़ दिया गया है, पानी निकासी की व्यवस्था तक ठीक नहीं की गई है. जिस कारण हल्की बारिश में ही मैदान के 80% हिस्से में जल जमा हो जाता है, जिससे हॉकी की प्रैक्टिस करने वाले स्कूली बच्चे और खिलाड़ी खेल नहीं पाते हैं.

पानी निकासी व्यवस्था न होने से एक छोर पर मिट्टी का कटाव भी हो रहा है. चाहरदीवारी निर्माण में भी भ्रष्टाचार की छाप नजर आ जाएगी, अभी निर्माण पूरा नहीं हुआ और प्रवेश द्वार टूट चुका है. जैसे तैसे तार से बांधकर सहारा दिया गया है ताकि नीचे गिरकर भ्रष्टाचारियों और अव्यवस्था की पोल ना खोल दे.

स्कूल के सहायक प्राचार्य विंसेंट जोजो कहते हैं कि जलजमाव के कारण बच्चे सही से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं. वहीं समीप के मैदान का पानी भी स्टेडियम में आता है, जिससे और पानी भर जाता है. निर्माण के समय मिट्टी मैदान में नहीं भरी गई. बस मैदान को समतल करके छोड़ दिया गया. इससे दिक्कत हो रही है.

स्कूल में पढ़ने वाली निशा डुंगडुंग कहती हैं कि स्टेडियम में पानी भरने के कारण दिक्कतें होती है, जिस कारण उनकी प्रैक्टिस में बाधा आती है. यदि इसे ठीक कर दिया जाता तो वे लोग अच्छे से प्रैक्टिस कर पाते.

Last Updated :Sep 24, 2022, 11:10 PM IST

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