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सरायकेला: जिला स्तरीय पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक, प्रमुख पर्यटन स्थलों का किया गया वर्गीकरण

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Published : Sep 10, 2020, 1:05 PM IST

सरायकेला जिले में गुरुवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक का आयोजन किया गया. जहां प्रमुख पर्यटन स्थलों का वर्गीकरण किया गया. इसी के तहत पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक में कई निर्णय लिए गए.

district level tourism promotion committee meeting held in seraikela
पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक लिए गए कई अहम निर्णय

सरायकेला: जिला समाहरणालय के सभाकक्ष में उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक हुई, जिसमें मुख्य रूप से खरसावां विधायक दशरथ गागराई उपस्थित रहे.


जिला स्तरीय पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक
बैठक में विधायक गागराई ने खरसावां शहीद पार्क की चर्चा करते हुए कहा कि यह राज्य का ऐतिहासिक स्थल है. यहां झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा एवं अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं, जिससे जिला प्रशासन की तरफ से सीएसआर के तहत रखरखाव आवश्यक है. विधायक की तरफ से शहीद पार्क खरसावां के रखरखाव की व्यवस्था सीएसआर के तहत श्री सीमेंट प्रबंधन को अधिकृत करने के लिए प्रस्ताव दिया गया, जिस पर श्री सीमेंट के प्रतिनिधियों की तरफ से बताया गया शहीद पार्क खरसावां के अनुरक्षण के लिए पांच लाख रुपये उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन शहीद पार्क खरसावां के रखरखाव की व्यवस्था के लिए उन्हें श्री फाउंडेशन ट्रस्ट से विचार विमर्श करना होगा. इसपर डीसी ने अगली बैठक में प्रस्ताव के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया.

योजना पदाधिकारी के पास आगे की जिम्मेदारी
बैठक में जिले के पर्यटन स्थलों की समीक्षा कर वर्गीकरण किया गया. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले स्थल को ए ग्रुप, राष्ट्रीय महत्व वाले को बी ग्रुप, राज्यस्तरीय महत्व वाले को सी ग्रुप व स्थानीय महत्त्व वाले को डी ग्रुप में में रखने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया. इसके तहत ए ग्रुप में चांडिल डैम, नीमडीह आर्ट एवं क्राफ्ट गांव का विकासदलमा आश्रयणी व खरसावां प्रखंड अंतर्गत शहीद पार्क, बी ग्रुप में पालना डैम, कशीदा डैम, आकर्षणी, जायदा मंदिर व भीम खन्दा, डी ग्रुप में सीतारामपुर डैम, गीतिलता में रोजो संक्रांति, जार्गो देवस्थल व सिद्धू कानू पार्क को रखा गया. इस प्रस्ताव को कार्रवाई के लिए योजना पदाधिकारी के पास भेजा गया.

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लंबित मानदेय के भुगतान की मांग
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि वन प्रमंडल में कार्यरत माली एवं गार्ड के मानदेय भुगतान के लिए बकाया राशि की मांग की गई है. बताया गया था कि इस मद में लगभग 5 लाख की आवश्यकता है. कार्यालय सहायक की तरफ से बताया गया कि जिला अंतर्गत पर्यटन स्थलों का प्रबंधन मद से 5.68 लाख रुपये उपलब्ध हैं. इस पर डीसी ने वन प्रमंडल पदाधिकारी को बकाया मानदेय भुगतान के लिए संबंधित राशि का मांग पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया ताकि राशि उपलब्ध कराई जा सके.

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