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साहिबगंज सदर अस्पताल में रैम्प निर्माण कार्य शुरू, गर्भवती महिलाओं ने जाहिर की खुशी

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Published : Aug 6, 2021, 5:16 PM IST

एक अरसे बाद मरीजों की मांग पर साहिबगंज सदर अस्पताल में रैम्प का निर्माण कार्य शुरु हो रहा है. इसको लेकर यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ कई मरीजों ने खुशी जाहिर की है.

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साहिबगंजः जिला सदर अस्पताल में बरसों बाद रैम्प का निर्माण हो रहा है. जिला सदर अस्पताल में जिलाभर से रेफर किए गए मरीज यहां पहुंचते हैं. दिक्कत इस बात की है कि जिला अस्पताल में फर्स्ट फ्लोर पर लेबर रूम है. जिससे गर्भवती महिलाओं को सीढ़ियां चढ़कर ऑपरेशन थियेटर या वार्ड रूम तक जाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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प्रसव के लिए आई महिलाओं को सदर अस्पताल में सीढ़ी चढ़ने में काफी दिक्कत होती है. इसके अलावा कभी-कभार महिलाएं विभिन्न समस्याओं का शिकार हो जाती हैं तो इस दौरान उन्हें देखने वाला कोई नहीं होता है. सीढ़ी चढ़ने के दौरान कभी असमय दर्द होने पर महिलाएं परेशान होती हैं तो डॉक्टर भी ऐसे वक्त में उनका इलाज करने से कतराते हैं.

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जिला प्रशासन की ओर से इस सारी समस्या को ध्यान में रखते हुए जिला सदर अस्पताल में रैम्प बनवाने का निर्णय लिया गया है, युद्धस्तर पर यहां काम किया जा रहा है. निर्माण कार्य में तेजी को देखकर लगता है कि अगले महीने तक रैम्प का इस्तेमाल चालू हो जाएगा.


जिला अस्पताल में हर रोज राजमहल अस्पताल, बरहेट बोरिओ, बरहरवा, तीन पहाड़, मंडरो भगैया और मिर्जाचौकी के दूर-दराज क्षेत्र से मरीज अपना इलाज के लिए पहुंचते हैं. जिला सदर अस्पताल में सीजर के माध्यम से भी प्रसूता की डिलीवरी कराई जाती है, ऐसी परिस्थिति में मरीज के साथ-साथ तीमारदारों को भी काफी दिक्कत होती है.

प्रसूता महिलाओं का कहना है कि सीढ़ी से चढ़ने में काफी परेशानी होती है, आखिरी के महीनों में लगभग 50 सीढ़ी चढ़कर डिलीवरी रूम तक पहुंचना काफी मुश्किल भरा रहता है. महिलाओं ने बताया कि एक तो पहले से दर्द शुरू हो जाता है, उस अवस्था में सीढ़ी पर चढ़ना और भी मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि डर लगा रहता है कि डिलीवरी से पहले कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए और बच्चे की जिंदगी खतरे में ना आ जाए. अब रैम्प बनना शुरू हो गया है तो आने वाले समय में प्रसव के लिए आई महिलाओं को काफी सुविधा मिलेगी.

रैम्प का निर्माण कार्य जारी

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डिलीवरी पेशेंट लेकर आईं एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि बेटी को लेकर आए है सीढ़ी चढ़ते वक्त मैं गिर गई, पैर में काफी चोट आई है. इस रैम्प के बन जाने से पेशेंट के साथ परिजनों को भी लाभ मिलेगा. जहां एक पेशेंट को चढ़ाने में सीढ़ी से कम से कम 2 आदमी जरूरत पड़ती थी एक आदमी काफी होगा. आराम से लेबर रूम तक प्रसूता को पहुंचया जा सकेगा. सीरियस अवस्था में भी स्ट्रेचर से लेबर रूम तक मरीज को पहुंचया जाएगा.

अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीज


उपायुक्त रामनिवास यादव ने बताया कि जिला अस्पताल में रैम्प बनना बहुत जरूरी था, यह बहुत पहले बन जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में मैंने यह अनुभव किया गया कि जिला सदर अस्पताल में बहुत जरूरी है, क्योंकि फर्स्ट फ्लोर पर लेबर रूम है और सीढ़ी से चढ़ने में प्रसूता को काफी परेशानी होती होगी. इसको ख्याल रखते हुए यह बनवाया जा रहा है, इसके बन जाने से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा.

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