झारखंड

jharkhand

कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन हुई खत्म, दूसरी डोज के लिए चक्कर लगा रहे लोग, पार्टियां कर रही पॉलिटिक्स

By

Published : Dec 26, 2022, 8:42 PM IST

झारखंड में कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन खत्म हो गई है (Shortage of Covishield and Corbevax vaccine). इधर टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग का विज्ञापन देख इन वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके लोग, दूसरी डोज के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं और बैरंग वापस लौट रहे हैं. इस बीच वैक्सीन को लेकर सियासत भी तेज हो गई है.

Shortage of Covishield and Corbevax vaccine
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए झारखंड सरकार लोगों से टीकाकरण कराने के लिए बड़े-बड़े विज्ञापनों का सहारा ले रही है. वहीं दूसरी ओर राज्य में कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की उपलब्धता शून्य है (Shortage of Covishield and Corbevax vaccine). जिन लोगों ने अभी तक कोविशील्ड या फिर 12-17 वर्ष के किशोरों को लगने वाला कोर्बेवैक्स का पहला डोज ले लिया है, उन्हें दूसरा डोज भी इसी का लगना है लेकिन, राज्य में ये दोनों वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है. इन दोनों वैक्सीन का दूसरा या बूस्टर डोज लेने के लिए कोरोना टीकाकरण केंद्र पहुंच रहे लोगों को बिना वैक्सीन लिए निराश होकर बैरंग लौटना पड़ रहा है.



ये भी पढ़ें:धनबाद में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जानें कोविड से निपटने की क्या है तैयारी

सिर्फ कोवैक्सीन है उपलब्ध: राज्य में अभी सिर्फ कोवैक्सीन उपलब्ध है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी कोवैक्सीन की 12 लाख से अधिक डोज उपलब्ध है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि पर्याप्त मात्रा में कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन झारखंड को भेजने का पत्र भेजा गया है और उम्मीद है कि एक सप्ताह में दोनों वैक्सीन झारखंड को मिल जाएगी. ऐसे में जो भी व्यक्ति कोरोना के संभावित बढ़ते खतरे को देखते हुए वैक्सीन का दूसरा या बूस्टर डोज लेने पहुंच रहे हैं, उन्हें एक सप्ताह बाद आने को कहा जा रहा है.

राज्य में टीकाकरण की स्थिति बेहद कमजोर: झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार राज्य में 12 वर्ष से 14 वर्ष उम्र समूह वाले 15 लाख 94 हजार बच्चों में
05 लाख 31 हजार 786 बच्चों ने वैक्सीन का पहला डोज नहीं लिया है, वहीं 09 लाख 72 हजार 221 बच्चों ने दूसरा डोज ही नहीं लिया है. इसी तरह 15 वर्ष से 17 वर्ष उम्र समूह के किशोरों में कुल 23 लाख 98 हजार किशोरों में 08 लाख 12 हजार 652 किशोरों ने वैक्सीन का पहला डोज और 13 लाख 07 हजार 917 किशोरों ने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है. इसी तरह 18 प्लस उम्र समूह वाले 02 करोड़ 10 लाख 46 हजार 083 लोगों में से सभी ने पहला डोज तो लिया, लेकिन 50 लाख 09 हजार 600 लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज ही नहीं लिया. कुल मिलाकर 70 लाख से अधिक लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है, जिसमें से ज्यादा संख्या वैसे लोगों की है जिन्होंने पहला डोज कोविशील्ड का लिया है और उन्हें कोविशील्ड का ही दूसरा या बूस्टर डोज लगेगा, लेकिन राज्य में कोविशील्ड की वैक्सीन पिछले दो महीने से उपलब्ध नहीं है.

इधर वैक्सीन पर राजनीति तेज: एक तरफ जहां राज्य में कोरोना से बचाव के लिए जरूरी कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की घोर कमी है तो दूसरी ओर वैक्सीन पर राजनीति फिर एक बार तेज हो गयी है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां राज्य सरकार पर वैक्सीन बर्बाद करने और राज्य के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है तो कांग्रेस ने कहा कि शुरू से ही केंद्र झारखंड के साथ भेदभाव करता रहा है.

सीपी सिंह ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना: भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ राज्य में वैक्सीन नहीं है तो दूसरी ओर वैक्सीनेशन के लिए विज्ञापन छप रहा है. यह सरकार चलाने का केजरीवाल मॉडल है. सीपी सिंह ने कहा कि भारत सरकार लगातार और फ्री वैक्सीन झारखंड को उपलब्ध कराते रही है, लेकिन कैसे राज्य का हर व्यक्ति वैक्सीन ले, इसकी व्यवस्था झारखंड सरकार को करनी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details