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आदलत पर भरोसा था, रकीबुल को मिली सजा पीड़ित लड़कियों को देगी हिम्मत: तारा शाहदेव

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 5, 2023, 5:49 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 5:55 PM IST

नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रताड़ना मामले में गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत के द्वारा दोषियों की सजा सुनाई गयी. कोर्ट के फैसले पर तारा शाहदेव ने खुशी जताई. मीडिया से बात करते हुए तारा शाहदेव कहा कि उन्हें अदालत पर भरोसा था और रकीबुल को मिली सजा पीड़ित लड़कियों को हिम्मत देगी. Tara Shahdeo statement after CBI Special Court verdict.

Rakibul punishment will give courage to victimized girls Tara Shahdeo statement after CBI Special Court verdict
कोर्ट के फैसले के बाद तारा शाहदेव का बयान

सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद तारा शाहदेव का बयान

रांचीः नेशनल शूटर तारा शाहदेव मामले में गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत के द्वारा दोषियों की सजा का ऐलान के बाद तारा शाहदेव ने अपने खिलाफ हुए अत्याचार और अन्याय के खिलाफ एक लंबी लड़ाई में जीत हासिल कर ली. तारा शाहदेव ने भारत की न्याय प्रणाली पर भरोसा जताया है. गुरुवार को अदालत ने रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को आजीवन कारावास, कोहली की मां को दस साल और रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़ें- तारा शाहदेव उत्पीड़न मामलाः रंजीत कोहली को आजीवन कारावास, मुश्ताक अहमद और कौशल रानी को भी हुई जेल

लंबी लड़ाई का अंत सुखद रहाः अपने खिलाफ हुए जुल्म और प्रताड़ना के आरोपियों को सजा दिलवाने के बाद तारा शाहदेव ने बताया कि एक लंबी लड़ाई के बाद उन्हें जीत हासिल हुई है. उनकी यह जीत वैसी तमाम लड़कियों के लिए उत्साहित करने वाला है जो ऐसे मामलों में फंसकर आत्महत्या कर लेती हैं या फिर कोई और कदम उठा लेती हैं. तारा के अनुसार उन्हें सीबीआई और अदालत दोनों पर ही पूर्ण भरोसा था कि उन्हें न्याय जरूर हासिल होगा. लड़ाई थोड़ी लंबी जरूर चली आखिरकार उन्हें न्याय मिला.

तारा ने अत्याचर के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठानीः तारा शाहदेव की पहचान एक नेशनल शूटर की तौर पर थी. साल 2014 में रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली ने तारा से अपना धर्म और पहचान छुपा कर शादी कर ली. शादी के बाद तारा को जब सारी हकीकत का पता चला तो वह टूट गई. लेकिन उन्होंने अपने खिलाफ हुए अत्याचार और प्रताड़ना के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठान ली. इसके बाद तारा शाहदेव ने कोहली और दूसरे आरोपियों का खुलकर सामना किया और उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए थाना में एफआईआर दर्ज करवायी.

तारा शाहदेव ने वो तमाम सबूत पुलिस को सौंपे जो आरोपियों को दोषी साबित करते थे. जब तारा को लगा कि उन्हें स्थानीय पुलिस के द्वारा न्याय नहीं मिलेगा तब उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में अपनी फरियाद लेकर पहुंची. तारा के द्वारा हाई कोर्ट से पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में मामले को टेकओवर किया और अपनी जांच शुरू की. इस दौरान लगातार केस की सुनवाई हुई, जिसमें तारा बिना हिम्मत हारे हर सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहीं.

किसको कितनी मिली सजाः बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े 09 साल पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और जबरन धर्म परिवर्तन मामले में सीबीआई की विशेष आदलत ने रकीबुल हसन को आजीवन कारावास की सजा, मां कौशल रानी को 10 साल, मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा सुनाई गयी है.

2015 से जांच कर थी सीबीआईः 30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत में रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल, रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद और कौशल रानी को आपराधिक साजिश रचने के साथ-साथ उत्पीड़न की घटना को अंजाम देने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने एवं यह जानते हुए यह शादी विधि सम्मत नहीं है फिर भी शादी का गलत तरीके से आयोजन करने, इन विभिन्न धाराओं में दो लोगों को दोषी ठहराया था. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने साल 2015 में तारा शाहदेव केस को टेकओवर किया. सीबीआई ने 12 मई 2017 को तीनों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी, लंबी सुनवाई के बाद 30 सितंबर 2023 को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया. अदालत में तीनों को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाया था. तीनों को 120 बी, 376 (2) एन (एक ही महिला से बार बार रेप की साजिश) 298 धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचना और 496 (जबरदस्ती या कपट पूर्णतरीके से विवाह करवाना) में दोषी पाया था.

2014 में हुई थी शादीः पूरा मामला साल 2014 का है, इसी साल रंजीत कोहली ने तारा शाहदेव से छलपूर्वक और झूठ बोल कर शादी की थी. शादी के बाद से ही तारा के साथ मारपीट और उत्पीड़न की घटनाएं होने लगीं. जिसके बाद तारा शाहदेव ने मामले को लेकर रांची के कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करवा दी. मामला सामने आने के बाद रंजीत कोहली को रांची पुलिस के द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. जांच में सब रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद जैसे लोगों के नाम सामने आने लगे. इसके बाद तारा के द्वारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में मामले को टेकओवर किया.

Last Updated : Oct 5, 2023, 5:55 PM IST

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