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प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का शुभारंभ, झारखंड टीबी उन्मूलन की ओर बढ़ रहा- स्वास्थ्य मंत्री

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Published : Sep 9, 2022, 2:36 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2 का शुभारंभ (PM TB Free India Campaign) किया. झारखंड के चार जिलों के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी ऑनलाइन जुड़े. वहीं रांची से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता समेत स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी भी इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े.

President Draupadi Murmu launches PM TB Free India Campaign 2
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

रांचीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का ऑनलाइन शुभारंभ (PM TB Free India Campaign) किया. इस अभियान का उद्देश्य टीबी ग्रस्त उपचाररत रोगियों के लिए सामुदायिक सहायता एवं सहभागिता सुनिश्चित करना है. इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के चार चयनित आयुष्मान भारत एवं वेलनेस केंद्र, जिनमें अमाईनगर (सिंहभूम), तेतरी (बोकारो), कुंदरी (पलामू) और गमहरिया (गुमला) से भी जुड़ी थी. रांची के अपने आवास से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी इस कार्यक्रम से जुड़े. इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, स्टेट टीबी अफसर भी ऑनलाइन जुड़े.

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सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे पोषण राशि (प्रतिमाह 500/-) के अतिरिक्त कोई भी जनप्रतिनिधि, कॉरपोरेट, गैर-सरकारी संस्थान या सामान्य नागरिक टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी मदद कर सकते हैं. सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहित किया जाना है, जिससे वो किसी भी टीबी यूनिट के सभी रोगियों को सहायता का कम से कम एक वर्ष के लिए खर्च उठा लें. राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 के शुभांरभ करने के बाद कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (TB Eradication Program) से सभी को जुड़ना चाहिए. इस मौके पर समाजसेवियों ने कहा कि कॉर्पोरेट, समाजसेवियों और अन्य संस्थाओं को टीबी रोगियों को गोद लेकर इलाज के लिए आगे आना चाहिए.

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री


स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में 01 लाख 28 हजार 205 लाभुक को निश्चय योजना के तहत 500 रुपया DBT के माध्यम से भेजा गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया से लाभुकों को पोषण युक्त आहार के लिए हर महीने मिलने वाले 500 रुपये की राशि को कम बताते हुए उसे बढ़ाने की मांग की है. वहीं कोरोना और टीबी की जांच प्रक्रिया लगभग एक बताते हुए उन्होंने कोरोना जांच के साथ साथ टीबी भी जांच कराए जाने की मांग की है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड टीबी उन्मूलन की ओर बढ़ रहा है, कुष्ठ, फाइलेरिया के मरीजों की संख्या घटी है. वहीं मलेरिया, चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या भी कम हुई है.


झारखंड में 33 हजार से ज्यादा टीबी मरीजः झारखंड के स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ रंजीत प्रसाद के अनुसार राज्य में वर्तमान में 33 हजार से अधिक टीबी के मरीज हैं. इस वर्ष 2.5 लाख संदिग्धों की टीबी जांच हुई है. अच्छी बात यह है कि जांच बढ़ने पर भी कम टीबी के मरीज मिल रहे हैं, जो इस ओर इशारा करता है कि झारखंड भी टीबी मुक्त राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है. डॉ रंजीत प्रसाद ने कहा कि राज्य में टीबी की सामान्य दवा के बेअसर हो जाने वाले मरीजों की संख्या 540 के करीब है और सभी को विशेष दवा दी जा रही है. राष्ट्रपति ने टीबी से बचाव की विशेष दवा (3HP) (जिसे तीन महीने में 12 टेबलेट ही खाना है) का भी अनौपचारिक रूप से लॉन्च किया. यह दवा तीन महीने तक, हर सप्ताह एक-एक गोली उन लोगों को दी जाएगी जो टीबी संक्रमित मरीजों के साथ रह रहे हैं.

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