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Power Cut in Jharkhand: गर्मी में रूला रही है बिजली, आज देर शाम तक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद, राष्ट्रपति का होना है आगमन, बिजली विभाग ने कसी कमर

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Published : May 23, 2023, 3:49 PM IST

झारखंड के कई शहरों में बिजली की आंखमिचौली से लोग परेशान है. 24 मई से राष्ट्रपति का झारखंड दौरा भी प्रस्तावित है, लिहाजा विभाग भी परेशान है कि कैसे एक दिन के अंदर राज्य की बिजली व्यवस्था दुरुस्त कर लिया जाए.

power crisis in Jharkhand
power crisis in Jharkhand

रांची: गर्मी शुरू होते ही बिजली की मांग बढ़ जाती है. लेकिन जब झुलसाने वाली गर्मी पड़ने लगे और बिजली भी कटने लगे तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर चला जाता है. लोगों की इस तकलीफ का ख्याल रखना जेबीवीएनएल का काम है. लेकिन गाहे-बगाहे लापरवाही की वजह से समस्या खड़ी हो जा रही है. सोमवार की रात राजधानी रांची के कई इलाकों के लोग ठीक से सो नहीं पाए. जब नींद आने को होती थी कि बिजली गुल हो जाती थी. खासकर बीमार, बच्चे और बुजुर्गों को रात काटने में काफी परेशानी उठानी पड़ी. सुचारू बिजली नहीं मिलने से इंवर्टर भी ठप हो जा रहे हैं. लो वोल्टेज की वजह से बोरिंग का मोटर सही से काम नहीं कर पा रहा है.

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अब सवाल है कि यह समस्या आई कैसे और इसका निदान क्या है. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के एमडी सह झारखंड बिजली वितरण निगम के डायरेक्टर केके वर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि आधुनिक पावर की राशि बकाया होने की वजह से परेशानी खड़ी हुई थी. उसको सुलझा लिया गया है. आज शाम तक आधुनिक पावर की शेष बकाया राशि दे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शाम के बाद बिजली की डिमांड बढ़ जा रही है. इसके लिए सेंट्रल पुल के अलावा दूसरे सोर्स से बिजली की व्यवस्था की जा रही है.

वहीं बिजली वितरण निगम के जीएम पीके श्रीवास्तव ने बताया कि दिन में फूल लोड बिजली मिल रही है. कहीं भी लोड शेडिंग नहीं हो रही है. कई जगहों पर मेंटेनेंस की वजह से समय-समय पर बिजली काटनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि आधुनिक पावर का जो मसला था वो सुलझ चुका है. लिहाजा, आज देर शाम को कल वाली स्थिति देखने को नहीं मिलेगी.

जानकारी के मुताबिक राजधानी में हटिया, नामकुम और कांके ग्रिड से कुल 180 मेगावाट बिजली की सप्लाई होती है. लेकिन पिछले दो दिनों से तीनों ग्रिड से महज 120 मेगावाट बिजली की सप्लाई हो पा रही थी. आधुनिक पावर की बकाया राशि की वजह से 180 मेगावाट बिजली मिलनी बंद हो गई थी. दरअसल, सेंट्रल पूल के बिजली के एवज में 75 दिनों के भीतर प्रप्ति ऐप के जरिए बिल का भुगतान करना होता है. भुगतान नहीं होने पर स्वत: बिजली कट जाती है.

खास बात है कि 24 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर आ रही हैं. इस दौरान बिजली व्यवस्था को सुचारू रखना बिजली विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. लिहाजा, आज बिजली विभाग के अधिकारियों की एक मीटिंग भी हुई है. इनलैंड पावर पर उत्पादन शुरू करने का दबाव बनाया गया है. उम्मीद की जा रही है इनलैंड पावर से 50 मेगावाट बिजली मिलने पर काफी हद तक समस्या से निपटा जा सकेगा. अब देखना है कि बिजली विभाग की कवायद काम आती है या मंगलवार की रात भी राजधानी के अलग-अलग इलाकों के लोगों को बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ेगा.

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