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NH पर तालाब और स्नान की राजनीति, जानकारी के अभाव में होती रही खींचतान, क्या है सच?

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Published : Sep 21, 2022, 7:56 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 8:13 PM IST

Congress MLA Deepika Pandey Singh

झारखंड की राजनीति सड़क से कीचड़ तक पहुंच चुकी है. बुधवार को कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने एनएच-133 पर जमे गंदा पानी से स्नान किया. इसके बाद से ट्विटर पर इसे लेकर जमकर राजनीति होने लगी.

रांची: बरसात के मौसम में सड़क की राजनीति खूब होती है. सड़कों पर बने गड्ढे हादसों का कारण बनते हैं. इसकी मरम्मती के लिए स्थानीय प्रतिनिधि कभी धान रोपकर तो कभी मछली मारकर सिस्टम को जगाते हैं. अपनी परेशानियां बताते हैं. लेकिन गोड्डा के महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने अपने क्षेत्र की बदहाल सड़क को ठीक करने के लिए ऐसा कदम उठाया, जो राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय और भाजपा सांसद निशिकांत दूबे जानकारी के अभाव वाली राजनीति में उलझे रहे. अगर आप इस पूरे रिपोर्ट को पढ़ेंगे तो तस्वीर साफ हो जाएगी.

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इस विवाद की शुरूआत 21 सितंबर की सुबह करीब 8 बजे हुई. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह अपने समर्थकों के साथ मेहरमा के सिदो-कान्हू चौक पहुंची. वहां एनएच 133 पर जमा गंदे पानी में बैठ गयीं और लोटा से स्नान करने लगीं. इस बदहाली के लिए उन्होंने केंद्र सरकार और NHAI (NATIONAL HIGHWAY AUTHORITY OF INDIA) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एनएच की मरम्मती कराना केंद्र का काम है. मई माह में इस सड़क को NHAI को दे दिया गया. मीडिया से जानकारी मिली कि इसका काम किसी ठेकेदार को भी दे दिया गया. इसका काम क्यों नहीं शुरू हो रहा है. राज्य सरकार का इस सड़क पर कोई योगदान नहीं हो सकता. यह केंद्र के नियम के अनुरूप ही बनना है. फिर भी पीडब्यूडी से बोलकर इसका भराव कराते रहे हैं. लेकिन सवाल है कि NHAI क्यों काम नहीं करवा रही है. आज यह सड़क तालाब बन गयी है. आम लोग परेशान हैं. दीपिका पांडेय ने इसके लिए गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को भी आड़े हाथों लिया. करीब डेढ-दो घंटे तक चले उनके इस विरोध प्रदर्शन के कारण एनएच 133 पर जाम लग गया. ऊंचाई से ली गई तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी तालाब के पास भीड़ उमड़ी हो.

इसी बीच उनके इस बयान से जुड़े वीडियों को स्थानीय सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस विधायक तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ धरने पर बैठीं हैं. इस एनएच का रख रखाव राज्य का पथ निर्माण विभाग करता है. इसके लिए केंद्र सरकार ने 6 माह पहले ही 75 करोड़ रू. भी दे रखा है. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि पथ निर्माण विभाग के मंत्री खुद हेमंत सोरेन हैं. उनकी लापरवाही से सड़क नहीं बन पा रहा है. थोड़ी देर बाद भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी इस राजनीति में कूद पड़े. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस की एक विधायक गोड्डा जिला के उस नेशनल हाईवे में गड्ढे के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं जिसके रख रखाव का जिम्मा झारखंड सरकार के पास है. केंद्र ने तो पैसे भी राज्य सरकार को दे दिए हैं.

इस मसले पर भाजपा नेताओं का जवाब आते ही कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय का एक और बयान आया. उन्होंने कहा कि इस मसले पर विधानसभा समिति के पदाधिकारियों को बुलाया गया लेकिन वे आना जरूरी नहीं समझते. एनएच वालों ने कहा था कि जल्द काम शुरू करवाएंगे. मैं केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में नहीं पड़ना चाहती. लेकिन यह एनएच 133 है. इसे हम सभी जानते हैं. इसको चौड़ा करने की जिम्मेदारी NHAI ने मई 2022 में ही ली है. एनएच को बनाने की जिम्मेदारी या उसके लिए पैसा केंद्र सरकार राज्य को नहीं देती है. इसके बावजूद अपने मुख्यमंत्री से निवेदन करना चाहूंगी कि हमारी जनता को बहुत परेशानी हो रही है. अगर जनप्रतिनिधि यहां आकर बैठेंगे तो उन्हें समझ में आएगा. भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने महगामा और मेहरमा के लिए कई घोषणा की लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया.

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एनएच की मरम्मती कराना किसका है काम:सड़क पर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय के विरोध के इस तरीके के बाद एक सवाल उठता है कि आखिर इसके लिए जिम्मेवार कौन है. एनएच की मरम्मती कराना किसका काम है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पथ निर्माण विभाग के सचिव, एनएचएआई के सीजीएम समेत कई पदाधिकारियों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया.

पूरे मामले की पड़ताल करने पर पता चला कि राज्य के पथ निर्माण विभाग के अधीन एक एनएच विंग होता है, जो नेशनल हाइवे की मरम्मती का काम देखता है. इसके लिए केंद्र से पैसा आता है. झारखंड में एनएच विंग के चीफ इंजीनियर डब्ल्यू. क्यू. फरीदी ने एनएच 133 को लेकर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि मेहरमा में जिस जगह एनएच 133 पर गड्ढा बना है, उसकी मरम्मती के लिए एक पैसा भी केंद्र सरकार से नहीं मिला है. इसके बावजूद पथ निर्माण विभाग के सचिव ने सड़क की मरम्मती का आदेश दिया है. यह काम दो से तीन दिन के भीतर पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में पड़ने वाले एनएच 133 के चौड़ीकरण और मेंटेनेंस के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. लेकिन ये पैसे अलग-अलग स्ट्रेच में अलग-अलग काम के लिए मिलते हैं.

एनएच 133 से जुड़े जरूरी तथ्य:जिस एनएच 133 को लेकर राजनीति हो रही है, उसकी लंबाई 131 किमी है. यह सड़क बिहार के पिरपैंती से देवघर के चौपा मोड़ तक है. पिरपैंती से 10.96 किमी सड़क बिहार में है. इसमें से एक किमी सड़क झारखंड में है. उसी सड़क पर मेहरमा में गड्ढा बना हुआ है, वह क्षेत्र भागलपुर डिवीजन के अधीन है. फिर भी राज्य सरकार ने इसकी मरम्मती कराने को कहा है. झारखंड के एनएच विंग के अधीन धनबाद और रांची सर्किल है. रांची सर्किल के अधीन चाईबासा, डालटनगंज और रांची डिवीजन है. जबकि धनबाद सर्किल के अधान हजारीबाग, धनबाद और देवघर डिवीजन है.

Last Updated :Sep 21, 2022, 8:13 PM IST

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