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झारखंड में लाल आंतक का खौफ, नक्सल प्रभावित इलाकों में हाईवे पेट्रोलिंग बंद

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Published : Nov 25, 2019, 10:35 AM IST

झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के दो लगातार बड़े हमलों के बाद राज्यभर की पुलिस अलर्ट पर है. इसी के मद्देनजर रांची पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए रविवार से नक्सल प्रभावित इलाकों में रात में हाईवे पेट्रोलिंग बंद कर दी है.

रांची:झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लगातार दो नक्सली हमलों के बाद राज्यभर की पुलिस अलर्ट पर है. इसी के मद्देनजर रांची पुलिस ने बड़ा फैसला लेते हुए रविवार से हाईवे पेट्रोलिंग रात में बंद कर दी है.

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राज्य के कई इलाकों में नक्सलियों के लगातार हमलों के बाद रांची पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है. रांची और आसपास के इलाकों में हाईवे पेट्रोलिंग को रात में बंद कर दिया गया है. हाईवे पीसीआर में तैनात पुलिस अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी हाल में नक्सल प्रभावित इलाकों में गश्त नहीं लगाएं. इसके लिए नक्सलियों से सामना करने वाले हथियारबंद पुलिस जवानों को ही उन इलाकों में गश्त करने का आदेश दिया गया है.

लातेहार की घटना बनी वजह

पिछले 4 दिनों में नक्सलियों ने झारखंड के कई जिलों में बड़े नक्सली वारदातों को अंजाम देकर सनसनी फैला दी है. विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों की अचानक बड़ी आक्रामकता से झारखंड पुलिस बैकफुट पर है. 22 नवंबर को लातेहार में हुए माओवादी हमले में 4 जवान शहीद होने, 23 नवंबर को पलामू में एके-47 से फायरिंग करने और लोहरदगा में आगजनी घटना के बाद राज्यभर की पुलिस एक्शन में है. इसी के मद्देनजर रांची पुलिस ने भी इस ओर सतर्कता दिखाते हुए हाईवे पेट्रोलिंग को बंद किया है. माना जा रहा है कि हाईवे पेट्रोलिंग में तैनात पुलिसकर्मियों के पास वैसे हथियार नहीं है, जो नक्सलियों का सामना कर सकते हैं. लातेहार में नक्सलियों ने पुलिस की इसी कमी का फायदा उठाते हुए पुलिस पीसीआर पर हमला कर 4 जवानों को निशाना बनाया था.

रांची के आसपास कई नक्सल प्रभावित इलाके हैं

रांची के आसपास के कई इलाके नक्सल प्रभावित हैं. बुंडू-तमाड़ का इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. इस इलाके में नक्सली किसी भी वारदात को अंजाम देकर आसानी से बुंडू-तमाड़ के जंगल से होते हुए चाईबासा की ओर भाग निकलते हैं. इसके अलावा रांची से सटे खूंटी के कर्रा, तोरपा, रनिया और खलारी, चान्हो, पिठोरिया, बुढ़मू जैसे कई इलाके आज भी नक्सल प्रभावित हैं. इन सभी इलाकों में हाइवे पेट्रोलिंग पर फिलहाल रांची पुलिस ने रोक लगा दी है.

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इंटरडिस्ट्रिक ऑपरेशन लांच करने की योजना

झारखंड विधानसभा चुनाव और नक्सलियों की आक्रमक नीति को देखते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय इंटर डिस्ट्रिक ऑपरेशन को लांच करेगी. इसके तहत रांची सरायकेला-खरसावां और जमशेदपुर के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जाएगा. इसमें संबंधित जिलों की पुलिस और केंद्रीय बल के जवान शामिल होंगे.

ग्रामीण इलाकों में हो रही छापेमारी

इधर रांची पुलिस ने नक्सलियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसके लिए पुलिस की ओर से रांची और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों की धड़-पकड़ के लिए अभियान छेड़ दिया गया है. नक्सलियों के संबंधित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. हालांकि अब तक रांची और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस को इसमें कोई सफलता हाथ नहीं लगी है.

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नक्सली समर्थकों पर पुलिस की विशेष नजर

रांची और इसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में पीएलएफआई संगठनों, माओवादियों और अन्य उग्रवादी समर्थकों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. रांची पुलिस की ओर से उग्रवादियों के समर्थकों की सूची तैयार की गई है. जिसके बाद उन सभी लोगों की गतिविधियों पर पुलिस विशेष नजर बनाए हुए है.

Intro:लाल आतंक का खौफ -राजधानी के नक्सल इलाको में हाइवे पेट्रोलिंग हुआ बन्द
रांची..


राज्य के कई इलाकों में नक्सलियों के द्वारा लगातार हमले के बाद रांची पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है। रांची और उसके आसपास इलाकों में हाईवे पेट्रोलिंग को रात में बंद कर दिया गया है।हाइवे पीसीआर में तैनात पुलिस अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी हाल में नक्सल प्रभावित इलाकों में गश्त नहीं लगाएं। नक्सलियों का सामना करने वाले हथियारबंद पुलिस को ही उन इलाकों में गश्त करने का आदेश दिया गया है।

लातेहार की घटना बनी वजह
पिछले 4 दिनों में नक्सलियों ने झारखंड के कई जिलों में बड़े नक्सली वारदातों को अंजाम देकर सनसनी फैला दी है। नक्सलियों की अचानक बड़ी आक्रामकता से झारखंड पुलिस बैकफुट पर है।22 नवम्बर को लातेहार में माओवादियों के हमले में 4 जवानों के शहीद होने, 23 नवम्बर को पलामू में एके-47 से फायरिंग करने और लोहरदगा में आगजनी घटना के बाद रांची पुलिस ने यह कदम उठाया है। माना जा रहा है कि हाईवे पेट्रोलिंग में तैनात पुलिसकर्मियों के पास वैसे हथियार नहीं है, जो नक्सलियों का सामना कर सकते हैं। लातेहार में नक्सलियों ने पुलिस के इसी कमी का फायदा उठाते हुए हाईवे पैट्रोल पर हमला कर चार जवानों को मौत के घाट उतार दिया था।


रांची के आसपास के कई इलाके नक्सल प्रभावित

रांची के आसपास के कई इलाके नक्सल प्रभावित हैं। बुंडू-तमाड़ का इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। इस इलाके में नक्सली किसी भी वारदात को अंजाम देकर वे बुंडू -तमाड़ के जंगल से होते चाईबासा की ओर भाग जाते हैं। इसके अलावा रांची से सटे खूंटी के कर्रा,तोरपा और रनिया ,रांची के खलारी ,चान्हो ,पिठोरिया ,बुढ़मू , आदि इलाके भी नक्सल प्रभावित हैं। इन सभी इलाकों में हाइवे पेट्रोलिंग पर रोक लगायी गई है।

इंटर डिस्ट्रीक आपरेशन लांच होगी
विधानसभा चुनाव और नक्सलियों की आक्रमक नीति को देखते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने इंटर डिस्टिक ऑपरेशन को लांच किया है। इसके तहत रांची सरायकेला - खरसावां जमशेदपुर के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें संबंधित जिलों की पुलिस और केंद्रीय बल शामिल है।


ग्रामीण इलाकों में हो रही छापेमारी
इधर रांची पुलिस ने नक्सलियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए पुलिस की ओर से रांची और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों की धड़-पकड़ के लिए अभियान छेड़ दिया है। नक्सलियों के संबंधित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। हालांकि अब तक रांची और उसके आसपास इलाकों में पुलिस को इसमें कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।

नक्सलियों के समर्थकों पर भी नजर
रांची और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में पीएलएफआई संगठनों, माओवादियों और अन्य उग्रवादियों के समर्थकों पर भी पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। रांची पुलिस की ओर से उग्रवादियों के समर्थकों की सूची तैयार की गई है। उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

बाइट - ऋषभ झा , रूरल एसपी ,रांचीBody:1Conclusion:2

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