झारखंड

jharkhand

Ranchi News: कब मिटेगा झिरी गांव से डंप यार्ड का धब्बा! कूड़े के पहाड़ ने लोगों का जीना किया मुहाल

By

Published : May 20, 2023, 5:14 PM IST

Updated : May 20, 2023, 5:46 PM IST

People upset due to accumulation of garbage at Jhiri village in Ranchi
डिजाइन इमेज

राजधानी को स्वच्छ बनाने के लिए रांची नगर निगम और जिला प्रशासन की तरफ से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. शहर में स्वच्छता को कायम रखने के लिए सबसे ज्यादा चुनौती कूड़ों के निष्पादन में होती है. इसी कारण रांची के झिरी गांव में कचरे के जमाव से लोग परेशान हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रांची: शहर में साफ रखने के लिए कई तरह की कवायद की जा रही है. रांची नगर निगम की ओर से गीले और सूखे कचरे के निष्पादन के लिए कई तरह की नियमावली बनायी गई है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर बड़े बड़े डस्टबिन भी लगाए गए हैं ताकि शहर में साफ-सफाई बनी रहे. इसमें सबसे बड़ी चुनौती कचरों के निष्पादन में आती है. कुछ ऐसा ही कलंक लिए चल रहा है, झिरी डंपिंग यार्ड.

इसे भी पढ़ें- रांची नगर निगम ने खुद डोर टू डोर कचरा उठाव का संभाला जिम्मा, सीडीसी कंपनी को किया ब्लैक लिस्ट

रांची रिंग रोड के पास बसा झिरी गांव, जहां के तालाब और चट्टान प्राकृतिक सुंदरता की बानगी हुआ करती है. लेकिन झिरी पर लगा डंपिंग यार्ड का धब्बा इस सुंदरता पर भारी पड़ रहा है. सरकार की योजना है कि यहां से कूड़ा हटाकर यहां एक पार्क बनाया जाएगा. इसके लिए प्रक्रिया चल रही है. लेकिन तक यहां के लोग सड़न, बदबू और काले धुएं से रोज परेशान हो रहे हैं.

झिर्री में स्वच्छता कायम रखना बड़ी चुनौती: रांची जिला प्रशासन और नगर निगम के लिए साफ सफाई कायम रखने की चुनौती झिरी इलाके में सबसे ज्यादा है. क्योंकि इस इलाके में कचरे की बदबू दिन-दोपहर, हर वक्त रहती है. आलम ऐसा है कि लोगों के हाथ उनकी नाक से हटते तक नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि झिरी इलाके में ही नगर निगम क्षेत्र के सारे कचरे डंप किये जाते हैं. वर्षों से कचरा जमा होते होते आज यहां कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है. 40 एकड़ में फैले इस जगह पर करीब एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कचरा अब तक जमा हो चुका है. झिरी डंपिंग यार्ड के मैनेजर बताते हैं कि प्रतिदिन चार हजार टन से ज्यादा कचरा झिरी डंपिंग यार्ड में आता है. प्रतिदिन 300 से 400 ट्रैक्टर इस यार्ड में निगम का सारा कचरा जमा करते हैं.

असहनीय बदबू से स्थानीय परेशान: कुछ वर्ष पहले तक झिरी गांव में जनसंख्या ज्यादा नहीं थी. जिस वजह से नगर निगम के द्वारा झिरी को कचरा डंपिंग यार्ड क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था. लेकिन पिछले कुछ साल से राजधानी की आबादी बढ़ने की वजह से झिरी इलाके में भी लोगों की भी आवाजाही बढ़ी है और मकानों का भी निर्माण हुआ है. आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि वर्षों से झिरी डंप यार्ड में कचरा जमा होने के कारण यहां अत्यधिक बदबू है, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

बारिश में बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा: झिरी के निवासी केशव कुमार बताते हैं कि डंपिंग यार्ड में वर्षों से कचरा जमा होन रहा है. जिससे यहां कूड़े का पहाड़ बन गया है. इस कारण बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां लोगों को परेशान करती है. लोगों ने बताया कि कई बार सूचित करने के बाद एंटी लार्वा मेडिसिनल स्प्रे का छिड़काव होता है और कई बार नहीं भी होता है. लोगों ने बताया कि डंपिंग यार्ड से होने वाली परेशानी को लेकर निगम में कई बार शिकायत दी गई लेकिन इसके निष्पादन के लिए अब तक कुछ ठोस उपाय नहीं किए गए हैं.

गेल और झारखंड सरकार झिरी में बने कूड़े के पहाड़ को करेगी नष्ट: झिरी के लोगों की समस्या को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने नगर निगम के नगर प्रशासक रजनीश कुमार से बात की. इस पर उन्होंने कहा कि जल्द ही झिरी में बने कूड़े के टीले को ध्वस्त उसे प्लेन लैंड में तब्दील किया जाएगा. इसको लेकर गेल और झारखंड सरकार के तरफ से कई सुझाव दिए गए हैं. वहीं उन्होंने बताया कि इसको लेकर टेंडर प्रक्रिया भी जारी है. निगम की तरफ से किसी एजेंसी को झिरी डंपिंग यार्ड में बने कूड़े के पहाड़ को नष्ट करने के लिए टेंडर दी जाएगी. जिससे झिरी डंपिंग यार्ड के आसपास रह रहे लोगों को राहत मिल सके और राजधानी रांची के निगम क्षेत्र के कचड़ो का उचित निष्पादन हो सके.

हालांकि नगर निगम की तरफ से आश्वासन तो दिया गया है कि जल्द ही झिरी डंपिंग यार्ड को साफ कर दिया जाएगा. लेकिन अब देखने वाली बात होगी कि निगम के द्वारा यह काम कब तक पूरा किया जाता है या फिर झिरी के आसपास रहने वाले लोगों को और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें- मिस झारखंड सुरभि को क्यों करना पड़ा कचरे पर कैटवॉक, जानिए उन्हीं की जुबानी

Last Updated :May 20, 2023, 5:46 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details