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PC-PNDT एक्ट का सख्ती से पालन की तैयारी, लिंग परीक्षण के मुखबिर को मिलेगा एक लाख रुपये का इनाम

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Published : Dec 8, 2022, 8:21 AM IST

Updated : Dec 8, 2022, 9:01 AM IST

राज्य में लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है. इसी के तहत पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) को सख्ती से लागू करने की तैयारी चल (PC-PNDT Act in Jharkhand) रही है. इस कार्य को सफल बनाने के लिए लिंग जांच के बारे में बताने वाले मुखबिर को 1 लाख का इनाम दिया जाएगा.

PC PNDT Act in Jharkhand
PC PNDT Act in Jharkhand

रांची: भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए चोरी-छुपे लिंग परीक्षण करने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ जल्द ही स्वास्थ्य विभाग अभियान शुरू करेगा. राज्य में भ्रूण परीक्षण फीटस का पता बताने वाले व्यक्ति को 01 लाख का इनाम दिया जाएगा. वहीं उनका नाम भी गुप्त रखा जाएगा. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू कराने (PC-PNDT Act in Jharkhand) के लिए सभी सिविल सर्जन और कार्यपालक दंडाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अल्ट्रासाउंड और इमेजिन सेंटर का निरीक्षण, कानूनी प्रक्रिया की भी जानकारी दी गयी है.


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स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक की बैठक:स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सह अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज ने बुधवार को पीसी -पीएनडीटी एक्ट (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) पर विशेष बैठक बुलाई. इसमें कहा कि कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के उद्देश्य से पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाना जरूरी है. इस एक्ट के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है.


पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट : नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसी एंड पीएनडीटी) एक्ट 1994 के प्रावधानों को राज्यभर में सख्ती से लागू करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. जिला स्तर से इसके लिए कार्रवाई की जानी है. अभी हाल में निरीक्षण कर कोडरमा, गुमला, गिरिडीह आदि जिलों में कार्रवाई की गई है. इस कार्यशाला में सभी जिलों के सिविल सर्जन, सहायक नोडल और उपायुक्त द्वारा नामित जिलों के वरीय कार्यपालक दंडाधिकारी शामिल हुए.


पीसी एंड पीएनडीटी के कानूनी पक्ष: उपनिदेशक सह कोषांग प्रभारी डॉ अनिल कुमार ने कहा कि झारखंड के संदर्भ में पीसी एंड पीएनडीटी के कार्यान्वयन पहले से हो रहा है. इसे और सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है. प्रोग्राम मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट (यूएनएफपीए) अनुजा गुलाटी ने पीसी एंड पीएनडीटी के विभिन्न कानूनी पक्ष, इस कानून में हुए हालिया बदलाव, अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों के पंजीयन और निरीक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की कन्सल्टेंट इफत हमीद ने अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों के सर्च, सील, केस फाइल और अथॉरिटी के कार्य और दायित्व पर विस्तार से बताया. मौके पर पीसी एंड पीएनडीडी एक्ट कोषांग की राज्य समन्वयक रफत फरजाना ने पीसी एंड पीएनडीटी के दस्तावेजों के रख रखाव के बारे में जानकारी दी. पीसी एंड पीएनडीटी के एम एंड ई कोर्डिनेटर दिवाकर कुमार, संजय, मनोरमा और पूनम ने भी सहयोग किया.


लिंग जांच के मुखबिर को 1 लाख का इनाम:झारखंड में लिंगानुपात (sex ratio in jharkhand) को संतुलित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. भ्रूण लिंग परीक्षण पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की दृष्टि से जांच अभियान को और तेज किया जा रहा है. इस एक्ट को और प्रभावशाली बनाने के लिए राज्य में मुखबिर योजना का संचालन किया जा रहा है. भ्रूण लिंग जांच करने वाले संस्थानों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी है. मुखबिर योजना के तहत मुखबिर, गर्भवती महिला और सहयोगी के लिए एक लाख रुपए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है.

लिंग निर्धारण कानून के विरुद्ध है:अनुजा गुलाटी ने कहा कि दंपती यह फैसला ले सकते हैं कि उनके कितने बच्चे हों और कितने अंतराल में हों. लेकिन लिंग निर्धारण का अधिकार उन्हें कतई नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड की लिंगानुपात जनगणना 2011 के अनुसार 948 है अर्थात 1000 लड़कों में लड़कियों की संख्या 948 है. यह समाज में अच्छे संकेत नहीं हैं. उन्होंने बताया कि जांच करने वाले चिकित्सक, संकेतों या चिन्हों के माध्यम से भी यह नहीं बता सकते हैं कि गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की है. उन्होंने बताया कि ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़े कानूनी प्रावधान हैं.

इफत हमीद ने कहा कि लिखित या मौखिक सूचना प्राप्त होने पर दंडाधिकारी के साथ संस्थानों में जाकर रजिस्टर, इक्यूपमेंट्स, लाइसेंस की जांच करें और यह भी देखें कि जितनी मशीन की जानकारी दी गई है, क्या उससे अधिक है कम है. साथ ही नियम पालन नहीं करने वाले संस्थानों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें.

Last Updated :Dec 8, 2022, 9:01 AM IST

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