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सदन में गूंजा बालू ढुलाई में पुलिस की धांधली का मामला, मंत्री मिथिलेश के बयान से खुली व्यवस्था की पोल

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Published : Mar 16, 2021, 12:36 PM IST

झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के 11वें दिन बालू का मुद्दा सदन में जोर-शोर से उठा. विपक्ष ने बालू घाट की बंदोबस्ती और नीलामी का मामला सदन में उठाया. जिसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में गहमागहमी हुई.

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सदन में गूंजा बालू का मुद्दा

रांचीः विधायक बिरंचि नारायण के सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि कोई भी थानेदार बालू लदी गाड़ी को नहीं पकड़ सकता है. प्रभारी मंत्री के ऐसा कहते ही भाजपा के विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे. भाजपा विधायकों ने कहा कि धड़ल्ले से बालू लदी गाड़ियां पकड़ी जा रही, उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं. इसका सत्तापक्ष के विधायकों ने भी समर्थन किया. भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने कहा कि उनके क्षेत्र में कई गाड़ियों को पकड़ा गया है.

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आरोप-प्रत्यारोप के बीच पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक इंस्पेक्टर ने बालू लदी गाड़ी को पकड़ा था. इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने एसपी और डीआईजी को इसकी सूचना दी. इसके फौरन बाद संबंधित इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया. मंत्री के यह कहते ही यह बात स्पष्ट हो गई कि बालू लदी गाड़ियों को थानेदार पकड़ते हैं. इस पर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अगर कहीं इस तरह का कोई मामला आता है तो लिखित शिकायत आने पर जरूर कार्रवाई होगी.

उनके इस जवाब पर विधायक सीपी सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि आपको मंत्री बने महज सवा साल हुए हैं, हो सकता है कि सरकार ने ऐसा निर्देश दिया हो लेकिन सच्चाई कुछ और है. उन्होंने कहा कि पलामू स्थित उनके गांव में टीओपी बनवाया गया है लेकिन वहां के लोग अब टीओपी को हटवाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि थानेदार परेशान करते हैं. सीपी सिंह ने कहा कि रात 10:00 बजे के बाद कौन पीसीआर गाड़ी कहां खड़ी रहती है, इसकी पड़ताल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी ईंट और बालू ढुलाई करने वाली गाड़ियों से पैसे वसूल जाते हैं.

क्या था विधायक बिरंचि नारायण का सवाल

बिरंचि नारायण ने सवाल किया था कि क्या यह बात सही है कि पिछले 1 साल से झारखंड में बालू घाटों की बंदोबस्ती संपन्न नहीं हुई है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री ने बताया कि साल 2017 से झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पॉलिसी लागू है, जिसके तहत बंदोबस्त या नीलामी का प्रावधान नहीं है. प्रभारी मंत्री ने बताया कि अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स गठित जो समय-समय पर कार्यवाही करती है. सरकार की तरफ से बताया गया कि खनिज के भंडारण विक्रय और प्रेषण के लिए JIMMS पर ऑनलाइन आवेदन का निस्तारण जिला कार्यालय कैसे किया जाता है. प्रभारी मंत्री ने बताया कि झारखंड में कैटेगरी-1 में 235 और कैटेगरी -2 में 358 बालू घाट हैं.

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