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रघुवर सरकार की योजनाओं को पूरा कर अपनी उपलब्धि बता रही है हेमंत सरकार- नीलकंठ सिंह मुंडा

Neelkanth Singh Munda targeted Hemant Soren. पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने हेमंत सरकार पर रघुवर सरकार की योजनाओं को पूरा कर अपनी उपलब्धि बताने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. इस सरकार में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं.

Neelkanth Singh Munda
Neelkanth Singh Munda

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 11, 2024, 8:30 PM IST

पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा का हेमंत सरकार पर आरोप

रांची: राज्य सरकार ने अपने अधिकारियों को उपलब्धियां गिनाने के क्या निर्देश दिए, इस पर राजनीति शुरू हो गयी है. पहले दिन सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार ने सरकार की चार साल की उपलब्धियां गिनाईं तो विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. सुनील कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इस दौरान नीलकंठ सिंह मुंडा ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा.

'रघुवर सरकार की योजनाओं को अपनी बता रही हेमंत सरकार':पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने हेमंत सरकार की कार्यशैली की आलोचना करते हुए कहा कि जो सरकार एक वर्ग विशेष की हितैषी बनकर काम करने का दावा करती है, हकीकत तो यह है कि सरकार ने उन्हें भी नहीं बख्शा है. यह सरकार आज जिसे अपनी उपलब्धियां बता रही है, उसकी हकीकत यह है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में जो योजनाएं शुरू की गयी थीं, वे अभी पूरी हुई हैं. झारखंड भवन, विधानसभा भवन, झारखंड उच्च न्यायालय, प्रेस क्लब भवन, हज हाउस जैसे भवनों का निर्माण भाजपा सरकार की देन है, जिसे हेमंत सरकार अपनी उपलब्धि बता कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है. इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है यह सब जानते हैं.

'4 सालों में टूटे भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड':नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में 22865 किलोमीटर सड़कें बनीं, जबकि हेमंत सरकार सिर्फ 5200 किलोमीटर सड़कें ही बना पायी है. सरकार अपने चहेतों को काम दिलाने के लिए पहले ठेकेदार तय करती है और काम पूरा होने के बाद टेंडर निकालती है. पिछले 4 सालों में भ्रष्टाचार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. स्वाभाविक है कि भवन निर्माण विभाग और पथ निर्माण विभाग भी इससे अछूता नहीं है. यह विभाग कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. भवन निर्माण विभाग में 1749 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 497 ही कार्यरत हैं, जबकि 1252 पद खाली पड़े हैं.

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