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झारखंड में भाजपा की 'बस्ती' में पूर्व सीएम मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा सहित कई हस्तियों के लिए सज रहा फील्ड!

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 26, 2023, 9:06 PM IST

2024 के चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारी तेज कर दी है. झारखंड में बीजेपी अपने पुराने नेताओं को पार्टी के साथ फिर से जोड़ने की कवायद में लगी है. Big leaders will join BJP.

big leaders will join BJP
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रांची: 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में भाजपा की निगाह उन नेताओं पर भी है, जो पहले किन्हीं वजहों से पार्टी छोड़कर दूसरी जगह चले गए और सियासी मैदान में अपनी हस्ती का सिक्का जमाए रखा.

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ऐसे कई नेताओं को फिर से पार्टी में लौटाने की तैयारी चल रही है. पार्टी के भितरखाने इस बात की जोरदार चर्चा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी पत्नी सांसद गीता कोड़ा के अलावा निर्दलीय विधायक सरयू राय, अमित यादव, पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह भाजपा में शामिल कराए जाएंगे.

ऐसा होने पर आगामी चुनावों में कई सीटों पर मुकाबले के नए और दिलचस्प समीकरण विकसित हो सकते हैं. मधु कोड़ा और उनकी पत्नी गीता कोड़ा का कोल्हान इलाके में खासा सियासी प्रभाव है. मधु कोड़ा ने अपने सियासी करियर की शुरुआत भाजपा के साथ ही की थी. वह 2000 में भाजपा के टिकट पर जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.

झारखंड में बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार में मंत्री भी बने थे, लेकिन 2005 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. कोड़ा बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े. उनकी जीत भी हुई और बाद में वह झारखंड के सीएम भी बने. भ्रष्टाचार के मामलों में नाम सामने आने पर उन्हें जेल जाना पड़ा. कुछ मामलों में सजा भी हुई और उसकी वजह से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए गए, लेकिन इसके बावजूद उनकी सक्रियता बरकरार रही.

खास तौर पर पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां इलाके में उन्होंने अपना सियासी वजन बरकरार रखा. वर्ष 2019 में उनकी पत्नी गीता कोड़ा सिंहभूम सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गईं. कोड़ा दंपती का ताल्लुक “हो” नामक जनजातीय समुदाय से है. कई विधानसभा सीटों में इस जनजाति की खासी आबादी है.

अब भाजपा इस दंपती के लिए बीजेपी दरवाजा खोलने की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों की मानें तो चाईबासा सीट पर भाजपा को जिताऊ कैंडिडेट की तलाश है और ऐसे में गीता कोड़ा को पार्टी में आने के लिए रजामंद किया जा सकता है. खुद गीता कोड़ा भी कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं. हालांकि, गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा फिलहाल भाजपा की ओर से कोई न्योता मिलने या जाने की संभावना से इनकार करते हैं, लेकिन इसके साथ ही वह कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है.

पिछले दिनों उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा था कि उनका भाजपा से पुराना संबंध रहा है, लेकिन अभी तक न तो वहां से कोई न्योता मिला है और न ही हमने इस बारे में कुछ सोचा है.

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 के चुनाव में तत्कालीन सीएम रघुवर दास को शिकस्त देने वाले निर्दलीय सरयू राय भी भाजपा में वापसी की राह देख रहे हैं. बीते चार साल को छोड़ दें तो सरयू राय की करीब तीन दशक पुरानी राजनीतिक यात्रा भाजपा के साथ ही चलती-बढ़ती रही है. भाजपा में उनके शामिल होने की राह में सबसे बड़े बाधक रघुवर दास थे, जिन्हें अब ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया है.

रघुवर से झारखंड की राजनीति से दूर होते ही सरयू राय की वापसी की राह प्रशस्त हो गई है. इनके अलावा बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2019 में भाजपा के बागी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने और जीतने वाले अमित यादव भी पार्टी में शामिल कराए जा सकते हैं.

ईचागढ़ क्षेत्र से कई बार विधायक रहे अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के भी निकट भविष्य में भाजपा के झंडे के नीचे आने की संभावना है. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन चेहरों की वापसी पर विचार कर रहा है और जल्द ही इन्हें हरी झंडी दिखाई जा सकती है.

इनपुट- आईएएनएस

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