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RTI कानून की शरण में जेएमएम, सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राजभवन से मांगी जानकारी

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Published : Oct 9, 2022, 8:26 AM IST

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में (JMM seeks reply from Raj Bhavan through RTI) भारत निर्वाचन आयोग का मंतव्य जानने के लिए राजभवन सचिवालय से RTI के तहत जानकारी मांगी है.

JMM files RTI against Hemant Soren
JMM files RTI against Hemant Soren

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद राजभवन को अपना मंतव्य भेजा है. जिसे लेकर सूबे गहमागहमी बनी हुई है. अभी तक राजभवन की तरफ से इसे लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. इसे लेकर अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सूचना का अधिकार कानून का सहारा लिया है.

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विनोद पांडेय ने RTI किया दाखिल : पार्टी के केंद्रीय समिति सदस्य और केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय (Central General Secretary Vinod Pandey) के हस्ताक्षर से राजभवन सचिवालय के सूचना पदाधिकारी को 10 रुपये के इंडिया पोस्टल ऑर्डर के साथ यह सूचना मांगी गई है कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सबंधित S-9A of R.P Act- 1951 (आर्टिकल 192) के मामले में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यपाल को भेजे गए पत्र में ओपिनियन क्या है.

RTI कानून की शरण में जेएमएम
सूचना के अधिकार के तहत आवेदन:झामुमो के नेता और RTI (Right To Information) दायरकर्ता विनोद पांडे ने कहा कि राज्य में जो स्थिति बनी हुई है और दो -दो बार जेएमएम प्रतिनिधमंडल के इस मामले में राज्यपाल से मुलाकात के बाद भी जानकारी नहीं मिलने, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा भी महामहिम से मिलकर भारत निर्वाचन आयोग के मंतव्य को सार्वजनिक करने की मांग के बावजूद जब कोई और रास्ता नहीं बचा है तब झारखंड मुक्ति मोर्चा को अपने विधायक हेमंत सोरेन के बारे में यह जानने का अधिकार है कि 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले' में भारत निर्वाचन आयोग का मंतव्य क्या है. इसलिए पार्टी की ओर से उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया है.


एक कार्यक्रम के दौरान जब मीडिया कर्मियों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग से आये पत्र को लेकर जब सवाल पूछा था तो राज्यपाल ने कहा था कि लिफाफा इतना चिपका हुआ है कि खुल ही नहीं रहा है.

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