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बिहार विधानसभा में हुए घटना को लेकर झारखंड राजद ने खोला मोर्चा, नीतीश सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ फूंका पुतला

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Published : Mar 24, 2021, 4:46 PM IST

बिहार विधानसभा में मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक पर चर्चा के दौरान हुए हंगामा के बाद झारखंड राष्ट्रीय जनता दल ने मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को झारखंड राजद की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ पुतला फूंका गया.

रांची
संवाददाता सम्मेलन करते झारखंड राजद

रांचीःबिहार विधानसभा में मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल विधायकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई. इसके साथ ही विपक्षी विधायकों को पीटा भी गया. इस घटना के विरोध में झारखंड राष्ट्रीय जनता दल ने मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को झारखंड राजद की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ पुतला फूंका गया.

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पुतला दहन के बाद झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के इतिहास में यह पहली घटना है, जिसमें महिला और पुरुष विधायकों को सदन के अंदर पीटा गया हो. उन्होंने कहा कि सदन से जबरदस्ती विधायकों को निकाला गया. महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. यह सब केंद्र सरकार और नीतीश कुमार के इशारे पर किया गया. इस घटना के विरोध में झारखंड राजद बुधवार को पुतला फूंका है और आगे भी नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन करता रहेगा.


दिल्ली में भी आंदोलन करने की है तैयारी

झारखंड राजद के युवा प्रदेश अध्यक्ष रंजन कुमार यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष ने नेता तेजस्वी यादव को सदन के अंदर बोलने नहीं दिया गया. इसके साथ ही बर्बरतापूर्ण व्यवहार करते हुए विधायकों को जूता-चप्पल से पीटा गया. यह देश के इतिहास में पहली घटना हैं. पुलिसकर्मियों को बुलाकर माननीय महिला और पुरुष सदस्यों को पीटा गया. इस घटना को लेकर झारखंड राष्ट्रीय जनता दल काफी मर्माहत है. इसको लेकर बिहार सरकार के खिलाफ पुतला दहन का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है और दिल्ली में भी आंदोलन करने की तैयारी है.

क्या है मामला

मंगलवार को बिहार सरकार की ओर से बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक विधानसभा के पटल पर चर्चा लिए रखा गया. लेकिन, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव यह करते हुए विरोध किया कि आम आदमी को परेशान करने के लिए पुलिस को एक नया हथियार दिया जा रहा है. कथित तौर इसमें पुलिस को बिना वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति दी जा रही है. तेजस्वी का कहना है कि यह काला कानून है, जो सदन से पारित नहीं होना चाहिए. इस विधेयक पर चर्चा नहीं हो, इसको लेकर विपक्षी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को घेर दिया. फिर मार्शल के साथ पटना पुलिस को विधानसभा के भीतर बुलाया गया और विरोध कर रहे विधायकों को जबरदस्ती हटाया गया.

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