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Jharkhand News: सुखाड़ राहत की राशि नहीं मिलने पर I.N.D.I.A दलों का प्रदर्शन, केंद्र पर लगाया झारखंड से सौतेला व्यवहार करने का आरोप

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Published : Aug 2, 2023, 2:12 PM IST

पिछले साल के सुखाड़ राहत का 9682 करोड़ रुपए नहीं देने और राज्य आपदा मोचन निधि से 502 करोड़ रुपए खर्च करने की सलाह देने पर झारखंड I.N.D.I.A के घटक दलों के नेताओं और मंत्रियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान नेताओं ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

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Protest For Not Giving Drought Relief Fund

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रांची: पिछले वर्ष राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों में सुखाड़ की वजह से हुए नुकसान के एवज में झारखंड सरकार ने केंद्र से करीब 9682 करोड़ की मांग की थी. केंद्र की ओर से अब तक सुखाड़ राहत की राशि नहीं मिलने और राज्य आपदा मोचन निधि से 502 करोड़ खर्च करने की सलाह देने पर झारखंड I.N.D.I.A के घटक दलों के नेताओं में उबाल है. इसके विरोध में कई नेताओं ने प्रदर्शन किया. इंडिया दलों के विधायकों और मंत्रियों का कहना है कि मंगलवार को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार केंद्र ने राज्य आपदा मोचन निधि से सिर्फ 502 करोड़ रुपए खर्च करने को कहा है. यह केंद्र की किसान विरोधी और झारखंड विरोधी रवैया को दर्शाता है. जिसका विरोध झारखंड इंडिया दल के तमाम विधायक और मंत्री कर रहे हैं.

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केंद्र सरकार पर लगाया झारखंड से सौतेला व्यवहार करने का आरोपः बुधवार को धरना-प्रदर्शन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि केंद्र की सरकार उन राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है जहां भाजपा या उसके सहयोगी दलों की सरकार नहीं है. उन्होंने कहा कि एक ओर सुखाड़ राहत के लिए केंद्र से मिलने वाली राशि नहीं दी गई है, वहीं फसल बीमा योजना की राशि भी किसानों को नहीं मिली है. दीपक बिरुआ ने भाजपा और केंद्र की सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि राज्य के झारखंड I.N.D.I.A के घटक दल इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे. वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने केंद्र से राज्य में पिछले वर्ष पड़े सुखाड़ से प्रभावित 226 प्रखंडों के किसानों को मदद पहुंचाने की मांग की है. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. जब भी केंद्र से झारखंड अपना हक मांगता है तो, केंद्र सरकार उसका आधा या उससे भी कम राशि देती है. ये नाइंसाफी है, जिसका हम सब I.N.D.I.A के बैनर तले विरोध कर रहे हैं.

झारखंड सरकार ने केंद्र से की थी 9682 करोड़ की मांगः वहीं इस मौके पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य में सुखाड़ की स्थिति का जायजा लेने केंद्र की टीम आई थी. उन्हें चॉपर से ले जाकर दुमका और अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी दिखाई गई थी. दिल्ली से आई टीम ने राज्य में सुखाड़ की स्थिति को बेहद खराब बताया था. इसको लेकर राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 9682 करोड़ की मांग केंद्र सरकार से की गई थी. वह राशि तो केंद्र ने नहीं दी ,उल्टे यह सलाह दे दी कि राज्य आपदा प्रबंधन मोचन निधि से वह सुखाड़ राहत के रूप में 502 करोड़ की राशि खर्च कर सकती है. उन्होंने कहा कि केंद्र का यह रवैया भेदभावपूर्ण है, जिसका वह विरोध कर रहे हैं.

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