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DGP का आदेश: आपराधिक मामलों में कार्रवाई के आधार पर तय होगा एसपी का एसीआर, कोयला तस्करों पर कसें शिकंजा

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Published : Dec 6, 2021, 10:47 PM IST

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने राज्य के सभी एसपी को निर्देश दिया है कि कोयला तस्करों पर कार्रवाई की जाय. साथ ही उन्होंने नक्सलियों की संपत्ति जब्ती के भी आदेश दिए हैं. डीजीपी ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा है कि आपराधिक मामलों में कार्रवाई के आधार पर एसपी का एसीआर तय होगा.

Jharkhand DGP Neeraj Sinha
Jharkhand DGP Neeraj Sinha

रांची: सोमवार को झारखंड के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महत्वपूर्ण मीटिंग की. इस दौरान सभी एसपी को यह निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नक्सल संगठनों पर लगाम लगाने के लिए नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाये साथ ही कोयला तस्करों पर कार्रवाई करें.

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महत्वपूर्ण रही बैठक

बैठक में डीजीपी के द्वारा सभी रेंज आईजी, जोनल डीआईजी एवं सभी जिला के एसपी से उनके क्षेत्राधीन सभी जिलों में वतर्मान नक्सल परिदृश्य तथा विधि-व्यवस्था में आ रही कठिनाईयों एवं उसके निराकरण के लिए बनायी गई ठोस नीति पर कार्य करने तथा नक्सल अभियानों की जानकारी सहित पूर्व से दिये गये एजेंडा पर विस्तृत चचार्यें की. इस बैठक में सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों, क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षकों यथा-पलामू क्षेत्र, राँची क्षेत्र, कोल्हान क्षेत्र, हजारीबाग क्षेत्र, बोकारो क्षेत्र तथा दुमका क्षेत्र के स्तर से झारखंड राज्य में नक्सल एवं आपराधिक गतिविधियों तथा उसपर जिला स्तर पर किये जा रहे कायर्वाही के संबंध में जानकारी दी. बैठक में सीआईडी एडीजी प्रशांत सिंह, एडीजी मुख्यालय मुरारीलाल मीणा, एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर, आईजी अभियान अमोल वी होमकर, आईजी विशेष शाखा प्रभात कुमार, आईजी रांची पंकज कंबोज समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

तीन दिनों के लिए विशेष सतर्कता बरते पुलिस

भाकपा माओवादियों के पीएलजीए सप्ताह के दौरान वामपंथी उग्रवाद परिदृश्य की समीक्षा और चल रहे अभियान की समीक्षा डीजीपी ने की. डीजीपी ने निर्देश दिया है कि पीएलजीए के आखिरी तीन दिन में कहीं भी लूज मूवमेंट ने करें. साप्ताहिक हाट, पुलिस पिकेटों में विशेष सतर्कता के आदेश दिए गए हैं. डीजीपी नीरज सिन्हा ने सभी जिलों के सक्रिय उग्रवादियों की चल/अचल संपत्तियों की जब्ती के प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा की. वहीं जिलों से फरार नक्सली कमांडरों के खिलाफ इनाम घोषणा के प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया.

मॉब लिंचिंग के मामलों की प्रगति और वतर्मान स्थिति की समीक्षा

झारखंड में पूर्व व हालिया मॉब लिंचिंग की घटनाओं, केस में प्रगति, जांच समेत अन्य विषयों की समीक्षा की गई. बंद के दौरान दर्ज सावर्जनिक संपत्ति अधिनियम के मामलों में प्रगति और क्षति की वतर्मान स्थिति की समीक्षा भी हुई.


इन मामलों में कार्रवाई का निर्देश

  • तीन वर्ष, पांच वर्ष और दस वर्ष से अधिक अवधि से लंबित मामलों की समीक्षा व कार्रवाई.
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन-जाति अधिनियम के लंबित मामलों की समीक्षा.

डीजीपी ने निर्देश दिया कि उनके क्षेत्र में सभी प्रकार के अवैध कारोबार को रोकना सुनिश्चित करें तथा उसमें संलिप्त अपराधियों के विरूद्ध विधि सम्मत कारर्वाई करना सुनिश्चित करें. उन्होंने नक्सलियों के विरूद्ध चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों में आ रही कठिनाईयों के संबंध में जानकारी लेते हुये उसके तत्काल निवारण तथा झारखंड पुलिस द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी कार्यों के संदर्भ में भी दिशा-निर्देश दिये.

झारखंड में पदस्थापित एसपी स्तर के अधिकारियों के एसीआर को लेकर नया आदेश डीजीपी ने निकाला है. अब एसपी स्तर के अधिकारियों के द्वारा आपराधिक मामलों में कार्रवाई, नक्सल अभियान की सफलता समेत अन्य बिंदुओं पर भी एसीआर निर्भर करेगा. इस संबंध में झारखंड के डीजीपी ने नया आदेश जारी किया है. नए पुलिस आदेश में यह जिक्र है कि, सभी रेंज आईजी और जोनल डीआईजी अपने अधीनस्थ एसपी के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (एसीआर) लिखते समय प्रतिवेदित पदाधिकारी की विचाराधीन अवधि के मासिक कार्य प्रतिवेदनों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा अंकित टिप्पणियों को संज्ञान में रखना होगा.

नए आदेश के मुताबिक, गंभीर अपराधों का उद्भेदन, लम्बित काण्डों का निष्पादन, लम्बित वारंटों व कुर्की आदेशों का निष्पादन, गश्ती चेकिंग और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में उग्रवाद विरोधी अभियानों का संचालन, इन कार्रवाईयों से अपराध नियंत्रण की स्थिति पर गहरा असर होता है. अतः इन बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देते हुए एसीआर लिखना होगा. पुलिस केन्द्र में प्रत्येक सप्ताह कम-से-कम दो तिथियों को प्रतिवेदित पदाधिकारी की उपस्थिति, पुलिस सभाओं का आयोजन, ओआर/आरआर के ससमय निष्पादन तथा विभागीय जांचों एवं विभागीय कार्यवाई के ससमय निष्पादन, इन कार्यवाई से बल में अनुशासन पर गहरा असर होता है, अतः इन बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देना होगा.

आईजी के लिए ये निर्देश

आईजी झारखंड सशस्त्र पुलिस और डीआईजी झारखण्ड सशस्त्र पुलिस अपने अधीनस्थ समादेष्टाओं के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन आलेखित करते समय प्रतिवेदित पदाधिकारी की विचाराधीन अवधि के मासिक कार्य प्रतिवेदनों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा अंकित टिप्पणियों को संज्ञान में रखेंगे.

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