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सरकार जल्द डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने की तैयारी में- बन्ना गुप्ता

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Published : Sep 17, 2022, 6:47 PM IST

रांची में झासा के कार्यक्रम को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने संबोधित किया (Banna Gupta in Jhasa Program). अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में तीन जगहों पर पीसी पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है. उन्होंने डॉक्टरों को खुद सुधर जाने की हिदायत दी और कहा कि सरकार पीसी-पीएनडीटी को लेकर कोई कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी.

Health Minister Banna Gupta
Health Minister Banna Gupta

रांची:झारखंड में शनिवारको झासा के नए कार्यकारिणी के इंस्टालेशन कार्यक्रम में शामिल हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta in Jhasa Program) ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी जानकारी में जमशेदपुर में तीन जगहों पर पीसी-पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है. इस तरह के अपराध को कभी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. इसलिए ऐसे लोग जो कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बने कानून पीसी-पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं. वह सावधान हो जाए और ऐसे कृत्य को छोड़ दें. बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम सब का अस्तित्व और उत्पत्ति नारी से ही है ऐसे में इस जघन्य कृत्य को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.

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मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने की तैयारी में सरकार: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर चर्चा की है. वह भी चाहते हैं कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. इसके साथ ही आम लोगों के हितों की भी सुरक्षा होनी चाहिए और प्रस्तावित एक्ट में उसका भी प्रावधान होगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही कैबिनेट में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के लिए प्रस्ताव लाया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता



क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के लिए डॉक्टरों की भी सलाह मांगी गई: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर कैसे इसे सरल बनाया जाए. इस पर सरकार विचार कर रही है. इसके लिए विभाग ने झासा, आईएमए और राज्य के वरिष्ठ डॉक्टरों से भी सलाह मांगी है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार किसी भी डॉक्टर को दंडित नहीं करना चाहती है और न ही "प्रपत्र क" भरें, ऐसी भी कोई इच्छा नहीं है. लेकिन यह भी ध्यान देना होगा कि हम कैसे राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा कर पाएं. उन्होंने कहा कि हम तो चाहते हैं कि डॉक्टर दंड की जगह अपने उत्कृष्ट कार्यों से इंसेंटिव के हकदार बनें न कि दंड का. लेकिन ईमानदारी से डॉक्टर्स सोचे कि क्यों राज्य में स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर नहीं हो पा रही है.

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