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झारखंड में फट सकता है एक आध एटम बम, सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर बोले राज्यपाल

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Published : Oct 26, 2022, 9:28 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 9:24 AM IST

सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) के ताजा बयान से झारखंड की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है. राज्यपाल ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि दिल्ली में पटाखा बैन है, झारखंड में नहीं. झारखंड में फट सकता है एक आध एटम बम (Atom bomb may explode in Jharkhand).

Governor Ramesh Bais said atom bomb may explode in Jharkhand
Governor Ramesh Bais said atom bomb may explode in Jharkhand

रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) अपने होमटाउन रायपुर में है. लेकिन वहां उन्होंने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में ऐसा बयान दिया है जिसकी वजह से झारखंड का राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (Office of profit matters related to CM) में चुनाव आयोग का मंतव्य राजभवन पहुंचने के दो माह बाद भी फैसला नहीं सुनाए जाने के सवाल पर उन्होंने जो कुछ कहा है, उससे खलबली मची हुई है. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि दिल्ली में पटाखा बैन है, झारखंड में नहीं. झारखंड में फट सकता है एक आध एटम बम(Atom bomb may explode in Jharkhand).

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इतनी गंभीर बात कहने से पहले उन्होंने कई और बातें भी कही है. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मैं एक संवैधानिक पद पर हूं. इसलिए मैं नहीं चाहता कि कोई मुझ पर यह आरोप लगाए कि मैंने बदले की भावना से कोई कार्रवाई की है . अगर सरकार को अस्थिर करने की मंशा होती तो चुनाव आयोग की सिफारिश पर निर्णय ले सकता था. इसी वजह से मैंने सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सेकंड ओपिनियन मांगा है.

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें जांच के लिए आवेदन मिला था. चूकि वह चुनाव से संबंधित मामला था, इसलिए मैंने उस पर चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा. लेकिन ओपिनियन आने के बाद मैं बाध्य नहीं हूं कि उस पर कब अपना आर्डर जारी करूं. उन्होंने कहा कि जब तक गवर्नर संतुष्ट ना हो जाए, तब तक ऑर्डर करना ठीक नहीं है, इसलिए मैंने दोबारा ओपिनियन मांगा है. सेकंड ओपिनियन आने के बाद निर्णय लूंगा कि आगे मुझे क्या करना है.

रायपुर में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में जैसे ही चुनाव आयोग का मंतव्य राज भवन पहुंचा, उस पर राजनीति शुरू हो गई. जबकि घबराने की कोई जरूरत नहीं थी. जो होना होगा वह तो होगा ही. उस दौरान कई अटकलें लगाई गई. झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा. चुनाव आयोग के मंतव्य की कॉपी मांगी जाने लगी . जबकि यह नियम विरुद्ध है. बाद में झामुमो के लोग चुनाव आयोग भी पहुंचे. इस पर चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि यह संवैधानिक मामला है, इसलिए राजभवन को भेजे गए मंतव्य की कॉपी नहीं दी जा सकती.

सबसे बड़ी बात यह है कि सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में 25 अगस्त को चुनाव आयोग की सिफारिश राजभवन पहुंचने के बाद झारखंड में गहमागहमी बढ़ गई थी. सत्ताधारी दल के तमाम विधायक लतरातू डैम से लेकर रायपुर की सैर कर चुके थे. कुछ दिन तक चली ड्रामेबाजी के बाद फिलहाल सब कुछ शांत शांत नजर आ रहा है. इस बीच राज्यपाल ने एक आध एटम बम फूटने वाली बात कह कर कयासों के बाजार को गर्म कर दिया है.

Last Updated :Oct 27, 2022, 9:24 AM IST

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