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सरकार ने हाई कोर्ट को बताया, जेजे बोर्ड, सीडब्ल्यूसी और बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों को 17 दिसंबर तक भर लेंगे

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Published : Nov 22, 2022, 7:54 PM IST

जेजे बोर्ड, सीडब्ल्यूसी और राज्य बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. जिसमें राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर (Government Filed Affidavit in Jharkhand High Court) कोर्ट को जानकारी दी गई.

Jharkhand High Court
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रांची:झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड), सीडब्ल्यूसी और राज्य बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. अदालत के आदेश पर राज्य सरकार की ओर से मामले में शपथ पत्र दाखिल किया (Government Filed Affidavit in Jharkhand High Court) गया.

29 नवंबर को सलेक्शन कमेटी की बैठक होगीः शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि नियुक्ति के लिए सलेक्शन कमेटी का चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एके गुप्ता को बनाया गया है. 29 नवंबर को सलेक्शन कमेटी की बैठक होगी. रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया 12 दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच में पूरी कर ली जायेगी.

दो दिसंबर की होगी अगली सुनवाईःकोर्ट को बताया गया कि जेजे बोर्ड में सोशल मेंबर के छह पद रिक्त (Case of Vacant posts in JJ Board) हैं. वहीं सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन के छह पद रिक्त हैं. इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है. नियुक्ति के लिए आये आवेदनों की स्क्रूटनी की गयी है. कोर्ट ने दो दिसंबर की तिथि अगली सुनवाई के लिए निर्धारित की है.

सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का कोर्ट ने दिया था आदेशःबता दें कि पूर्व में कोर्ट ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया था. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा था कि कई बार सरकार की ओर से समय मांगा गया. कोर्ट ने भी काफी समय दिया. रिक्तियों को भरने के लिए और कितना समय राज्य सरकार लेगी.

कई पद वर्षों से है खालीः खंडपीठ को पूर्व में बताया गया था कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे) और सीडब्ल्यूसी अधिकतर पदों पर नियुक्ति कर दी गयी है, लेकिन अब भी कई पद खाली हैं. वहीं राज्य बाल संरक्षण आयोग में अध्यक्ष और सदस्य का पद कई वर्षों से खाली है. पद खाली रहने के कारण आयोग सही तरीके से काम भी नहीं कर पा रहा है. प्रार्थी चंदन सिंह की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गयी (Public Interest Litigation) है.

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