झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

अनुशासन में नहीं रहने वाले छात्रों के खिलाफ रिम्स प्रबंधन सख्त, विरोध के बावजूद हॉस्टल खाली करने का निर्णय बरकरार

रिम्स में छात्रों के बीच की हुई मारपीट के बाद प्रबंधन ने छात्रों को हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ छात्र आंदोलन पर उतर आए, लेकिन रिम्स प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. प्रबंधन अपने फैसले पर कायम रहा. छात्रों को हॉस्टल खाली करना ही पड़ेगा.

fight between students in RIMS
fight between students in RIMS

By

Published : Jul 20, 2023, 7:12 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची:8 जुलाई को रिम्स के मेडिकल छात्रों के बीच हुई नोकझोंक का असर 12 दिनों के बाद भी देखने को मिल रहा है. दरअसल, 8 जुलाई को बर्थडे पार्टी मनाने के दौरान चार से पांच छात्रों के बीच हुई नोकझोंक लगातार बढ़ती चली गई और यह नोकझोंक लड़ाई में तब्दील होने के बाद आज आंदोलन बन गई, लेकिन रिम्स प्रबंधन अपने फैसले पर अडिग रहा और छात्रों को हॉस्टल खाली करने का फैसला बरकरार ही रहा.

यह भी पढ़ें:रिम्स कॉलेज प्रबंधन का छात्रों पर चला चाबुक, 2019-2022 सत्र के विद्यार्थियों को हॉस्टल से निकाला

गुरुवार को रिम्स मेडिकल कॉलेज के 500 से ज्यादा छात्र निदेशक कार्यालय के सामने एकजुट हो गए और प्रबंधन के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. मालूम हो कि बुधवार की देर शाम रिम्स प्रबंधन के द्वारा यह आदेश निकाला गया कि जितने भी छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं. वह 20 जुलाई की शाम तक बैग एंड बैगेज के साथ हॉस्टल खाली कर दें.

प्रबंधन के इस आदेश को लेकर देर शाम से ही हॉस्टल में रहने वाले छात्र चिंता जाहिर करने लगे और यह मांग करने लगे कि कुछ छात्रों के द्वारा की गई गलती की वजह से सभी छात्रों को सजा नहीं देनी चाहिए. अपनी इसी मांग को लेकर गुरुवार को छात्र निदेशक कार्यालय के सामने प्रबंधन से यह मांग करने लगे कि प्रबंधन अपना आदेश वापस ले, ताकि जिन छात्रों की कोई गलती नहीं है, वे हॉस्टल में रह सके.

प्रबंधन पर नहीं होगी कोई जिम्मेदारी: लेकिन प्रबंधन ने एक टूक में सभी छात्रों को यह फरमान सुना दिया कि अगले 10 दिनों तक कोई भी छात्र हॉस्टल में नहीं रहेगा. यदि कोई छात्र रहना चाहता है तो वह अपनी जिम्मेदारी पर हॉस्टल में रहे. प्रबंधन इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा. प्रबंधन का फरमान सुनने के बाद छात्रों ने यह मांग किया कि उन्हें कम से कम हॉस्टल में अपना सामान रखने की अनुमति दी जाए, ताकि हॉस्टल खाली करने में छात्रों को दिक्कत ना हो. जिस पर प्रबंधन ने हामी भर दी और सभी छात्रों को अपना सामान हॉस्टल में रखने की अनुमति दे दी गई. जिसके बाद छात्र अब अपने सामान को रखकर हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर और विवश हो गए हैं.

अभिभावकों को बुलाकर कराया जाएगा शपथ पत्र पर हस्ताक्षर: वहीं प्रबंधन की ओर से हॉस्टल के डीन डॉक्टर शिवप्रिय ने बताया कि एक बार हॉस्टल खाली कराने के बाद जो छात्र अनुशासन में नहीं रह रहे हैं. उनके अभिभावकों को बुलाकर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराया जाएगा. उसके बाद सभी छात्रों का काउंसलिंग करने के बाद उन्हें नए तरीके से हॉस्टल अलॉट कराया जाएगा.

वहीं निदेशक आरके गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से छात्रों के द्वारा हॉस्टल के नियमों को ताक पर रखा गया है और निदेशक आवास में देर रात घुसकर तोड़फोड़ करने की कोशिश की गई है. वह कहीं से भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस बार छात्रों को सिर्फ हॉस्टल से कुछ दिनों के लिए निकाला जा रहा है, यदि इस तरह की गलती दोबारा दोहराई जाती है तो पूरे बैच को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया जाएगा. प्रबंधन के इस आदेश को मानते हुए फिलहाल छात्रों ने हॉस्टल खाली करने का निर्णय ले लिया है. फिलहाल 900 से ज्यादा छात्र हॉस्टल खाली कर अपने-अपने घर जाने की तैयारी में जुट गए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details