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झारखंड बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव होगा? जानिए, क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

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Published : Jan 19, 2023, 9:51 AM IST

25 फरवरी 2020 को झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले दीपक प्रकाश का कार्यकाल अगले महीने पूरा हो रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बढ़ाए जाने के बाद दीपक प्रकाश के कार्यकाल को लेकर भी प्रदेश स्तर पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. झारखंड बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव होगा या नहीं, इस सवाल पर क्या कहते हैं जानकार, पढ़िए ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट में.

Discussion on organizational changes in BJP in Jharkhand
झारखंड भाजपा में सांगठनिक बदलाव पर चर्चा

झारखंड बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव की चर्चा को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों की राय

रांचीः भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद सबकी नजरें झारखंड पर टिकी हुई हैं. 25 फरवरी 2020 को झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले दीपक प्रकाश का कार्यकाल 25 फरवरी को पूरा हो रहा है. लेकिन जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाए जाने के बाद दीपक प्रकाश के कार्यकाल को लेकर भी पार्टी के अंदर और बाहर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं.

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झारखंड बीजेपी में संगठनात्मक बदलाव को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं और कई सवाल पार्टी से जुड़े लोगों के मन में जन्म ले रहे हैं. लेकिन जानकारों की मानें तो फिलहाल झारखंड बीजेपी में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में चल रहे संगठन के कामकाज की समीक्षा होगी. इसके बाद ही भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व कोई फैसला लेगी.

संगठनात्मक रुप से पार्टी को मजबूत करना बड़ी चुनौतीः झारखंड बीजेपी के अंदर खेमेबाजी से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालत यह है कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में चल रहे प्रदेश संगठन में सभी सातों उपाध्यक्ष निष्क्रिय हैं. संगठन की बैठक और कार्यक्रम में इनकी भूमिका नहीं के बराबर देखी जा रही है. इसी तरह पार्टी के कई सांसद भी प्रदेश कार्यालय से दूरी बना रखी है.

वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र की मानें तो दीपक प्रकाश नेता के रुप एक नंबर पर नहीं हो सकते बल्कि उन्हें किसी के अधीन दूसरे नंबर पर रखने से वो बेहतर कार्य करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव तो नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखाकर भाजपा चुनाव लड़ लेगी मगर विधानसभा चुनाव इनके लिए कठिन होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल संगठन में बदलाव होने की संभावना नहीं दिख रही है.

स्थानीय मुद्दों को लेकर बीजेपी को नई रणनीति की दरकारः राजनीतिक विश्लेषक अमरनाथ झा मानते हैं कि राज्य में वर्तमान सरकार के द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीयता या भाषा संबंधी कुछ ऐसे निर्णय लिए गए हैं. जिसको लेकर भाजपा को सोचने पर विवश कर दिया है. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के कार्यकाल में पार्टी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा जरूर लिया है, ऐसे में लगता नहीं है कि प्रदेश स्तर पर संगठन में बदलाव होगा. हालांकि पिछले साल प्रदेश प्रभारी से लेकर संगठन महामंत्री तक बदले जा चुके हैं.

पहले भी संगठन के अंदर होते रहे फेरबदलः झारखंड में दिलीप सैकिया की जगह नए प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी को जिम्मेदारी दी गई है. लक्ष्मीकांत बाजपेयी मेरठ विधानसभा से चार बार विधानसभा सदस्य रहने के अलावा वर्तमान समय में राज्यसभा सदस्य भी हैं. संगठन के अंदर फेरबदल का दौर 2022 में जारी रहा. प्रदेश प्रभारी बदलने से ठीक पहले अगस्त महीने में उत्तर प्रदेश के कर्मवीर को धर्मपाल सिंह के स्थान पर झारखंड बीजेपी संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई.

मिशन 2024 के केंद्रीय नेतृत्व ले सकती है फैसलाः इन सब बदलाव के बीच संगठन का कामकाज प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में वर्तमान में चल रहा है. बीजेपी के बड़े नेता खासकर अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी, जयंत सिंहा, रविंद्र राय जैसे लोग स्टेट पॉलिटिक्स से दूरी बनाकर रखी है. ऐसे में जेपी नड्डा के कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद संभावना यह जताई जा रही है कि मिशन 2024 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बीजेपी जल्द ही कोई फैसला ले सकती है.

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