रांची: 30 जुलाई को कांग्रेस के तीन विधायकों की कैश के साथ पश्चिम बंगाल के हावड़ा में गिरफ्तारी की घटना ने झारखंड की राजनीति में उफान ला दिया है. तब बात और ज्यादा गंभीर हो गई, जब कांग्रेस के विधायक जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने अपनी ही पार्टी के तीनों विधायकों पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर करा दिया. इस बीच 2 अगस्त को अनूप सिंह की असम के सीएम हेमंता विस्वा सरमा और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ वाली तस्वीर ने खलबली मचा दी है. दिनभर इसको लेकर चर्चा होती रही कि आखिर अनूप सिंह भाजपा नेताओं के साथ क्या कर रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों महाराष्ट्र में हुई राजनीतिक उठापटक की पृष्ठभूमि गोवाहाटी में ही तैयार हुई थी.
ये भी पढ़ें-कांग्रेस विधायक अनूप सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आवेदन, साजिश के तहत गिरफ्तारी करवाने का आरोप
हालांकि इसके जवाब में अनूप सिंह की दलील है कि वह इंटक के काम के सिलसिले में कोयला मंत्री से मिलने गये थे. उनका यह भी कहना है कि इसकी जानकारी कांग्रेस प्रभारी और सीएम हेमंत सोरेन को पहले से थी. उनके इस कथन पर कांग्रेस प्रभारी मुहर भी लगा चुके हैं. इसका असर भी दिखा. 2 अगस्त को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायक अनूप सिंह सीएम हेमंत सोरेन के साथ सदन के मेन गेट से बाहर निकले. इस दौरान अनूप सिंह बेहद शांत नजर आ रहे थे. मीडिया ने जब अनूप सिंह की वायरल तस्वीर को लेकर सीएम से पूछा तो उन्होंने बस इतना कहा कि अब देखते रहिए, दिखाते रहिए. इतना कहकर सीएम अपनी गाड़ी में बैठ गए तो दूसरी तरफ से अनूप सिंह भी उनके साथ गाड़ी में बैठकर रवाना हो गये.
दूसरी तरफ वायरल तस्वीर का असर झारखंड विधानसभा में मौजूद कांग्रेस के कई दिग्गजों के चेहरे पर देखने को मिला. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पक्ष और विपक्ष के कई विधायक एक-दूसरे से मिलते नजर आए लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर उरांव से मिलने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखायी. पूरी कार्यवाही के दौरान कांग्रेस कोटे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी गुमसुम से दिखे. कांग्रेस की ओर से सिर्फ मंत्री आलमगीर आलम कई बार सदन के भीतर मुख्यमंत्री से गुफ्तगू करते नजर आए. वहीं उत्तराखंड चुनाव के दौरान सह प्रभारी रहीं दीपिका पांडेय सिंह शांत-शांत नजर आईं. आमतौर पर विपक्षी हमले के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख जवाबी हमले करते रहे हैं लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. सदन के बाहर मंत्री रामेश्वर उरांव से वायरल तस्वीर के बारे में पूछने पर उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा.