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Netra Jyoti Abhiyan In Jharkhand: झारखंड में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान पर लगा ग्रहण! मोतियाबिंद आॉपरेशन के लिए पांच लाख से अधिक लोग कतार में

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Published : Feb 11, 2023, 3:24 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 5:18 PM IST

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Netra Jyoti Abhiyan In Jharkhand

कोरोना काल और झारखंड में नेत्र सर्जन की कमी की वजह से राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान का काम काफी धीमा हो गया है. इस वजह से मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. सूबे में पांच लाख से अधिक मरीज ऑपरेशन कराने के लिए कतार में हैं.

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रांचीः झारखंड में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान पर ग्रहण लगा हुआ है. राज्य में इस अभियान के तहत चिह्नित किए गए मोतियाबिंद के मरीजों का लंबा बैकलॉग है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019-20 में एक लाख 60 हजार 619, वर्ष 2020-21 में एक लाख 33 हजार 912 और वर्ष 2021-22 में दो लाख 15 हजार 203 मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपेरशन होना है. अगर अद्यतन आंकड़ा का अनुमान लगाए तो करीब पांच लाख 30 हजार मोतियाबिंद मरीजों का बैकलॉग है. गांव और दूर-दराज के मरीजों का इस अभियान के तहत स्क्रीनिंग के बावजूद ऑपेरशन नहीं हो सका है और ये लोग वर्तमान में ठीक से देख पाने में असमर्थ हैं.

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कोरोना काल की वजह से बढ़ा लंबा बैकलॉगःझारखंड राज्य अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के अपर स्टेट ऑफिसर और नेत्र सर्जन डॉ वत्सल लाल कहते हैं कि राज्य में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए लंबा बैकलॉग की वजह कोरोना है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सिर्फ अतिआवश्यक सर्जरी ही हुए और मरीज भी उस वक्त अस्पताल आने से बच रहे थे. उन्होंने कहा कि दूसरी समस्या नेत्र सर्जन की भी कमी है, लेकिन जल्द ही जेपीएससी से डॉक्टरों की बहाली हो जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द बैकलॉग समाप्त हो इसके लिए योजना बनाकर और निजी अस्पतालों, एनजीओ का सहयोग लेने की योजना बन रही है.

क्या होता है मोतियाबिंद: मोतियाबिंद उम्र के साथ होनेवाली बीमारी है और इसका इलाज ऑपेरशन है. 70 से 85 % लोगों में बढ़ती उम्र के साथ होनेवाली आंख की सामान्य बीमारी मोतियाबिंद है. जिसमें आंख का लेंस प्रभावित होता है. इस वजह से दृष्टि बाधित हो जाती है और नजर धुंधली होने की वजह से मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को पढ़ने, कार चलाने और अन्य कार्यों में समस्या आती है. विशेषज्ञ डॉक्टर्स कहते हैं कि बढ़ती उम्र, मधुमेह, शराब का सेवन, सनलाइट में अल्ट्रा वायलट-रे का असर, आंखों को चोट लगने और अन्य कारणों से मोतियाबिंद होने की संभावना बनी रहती है.

ये हैं मोतियाबिंद के लक्षणःमोतियाबिंद से ग्रस्त व्यक्ति की दृष्टि धुंधली हो जाती है और कुछ भी स्पष्ट नहीं दिखता है. दिन के समय आंख का बार-बार चौंधियाना, दोहरी दृष्टि और चश्मे के नंबर में जल्द-जल्द बदलाव होना इसके लक्षण हैं. मोतियाबिंद से बचाव के लिए आंख को सूर्य के अल्ट्रावायलट किरणों से बचाने, मधुमेह को कंट्रोल में रखने, आंख को चोट से बचाने और 45 वर्ष के बाद से लगातार नेत्र चिकित्सकों से सलाह लेते रहने से इससे प्रभावित होने से रोका जा सकता है. वहीं मोतियाबिंद का इलाज ऑपरेशन ही है.

Last Updated :Feb 14, 2023, 5:18 PM IST

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