झारखंड

jharkhand

Covaxin Vs Covishield: झारखंड में को-वैक्सीन लोगों की पहली पसंद, उपलब्ध नहीं होने के कारण ले रहे कोविशील्ड

By

Published : Jul 6, 2021, 9:19 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 11:01 PM IST

झारखंड में को-वैक्सीन लोगों की पहली पसंद है. को-वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण लोग कोविशील्ड ले रहे हैं. कई लोग को-वैक्सीन उपलब्ध होने का इंतजार भी कर रहे हैं.

Covaxin Vs Covishield
झारखंड में को-वैक्सीन लोगों की पहली पसंद

रांची:झारखंड में वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है. अब तक करीब 74 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है. राज्य में भले ही ज्यादातर लोगों ने कोविशील्ड(Covishield) का टीका लिया है लेकिन स्वदेशी को-वैक्सीन(Covaxin) लोगों की पहली पसंद है. वैक्सीनेशन को लेकर मिले डाटा के मुताबिक 57 लाख से अधिक लोगों को कोविशील्ड का टीका और करीब 12 लाख लोगों को को-वैक्सीन लगी है.

यह भी पढ़ें:झारखंड में लगातार टूट रहा है वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड, रविवार को 1 लाख 43 हजार से ज्यादा लोगों ने ली वैक्सीन

को-वैक्सीन है पहली प्रॉयोरिटी

रांची के युवाओं से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उनका कहना है कि को-वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के चलते कोविशील्ड का टीका लगवाना पड़ा. अगर कोविशील्ड और को-वैक्सीन में चुनने की अवसर मिलता तो को-वैक्सीन का टीका लेते. अब तक बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लगा चुकी नर्स बिंदु कुमारी का कहना है कि को-वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहने पर कई लोग इंतजार करते हैं. नर्स ने बताया कि को-वैक्सीन का टीका लेने के बाद कम लोगों को ही बुखार आया है. को-वैक्सीन पहली पसंद होने के पीछे ये भी बड़ी वजह है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

जल्द दोनों डोज लेना चाह रहे लोग

रांची सदर अस्पताल टीकाकरण केंद्र के नोडल इंचार्ज डॉ बिमलेश सिंह कहते हैं कि कई वजहों से लोग को-वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. लेकिन, सबसे मुख्य वजह ये है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मची तबाही और तीसरे लहर की आशंका को देखते हुए लोग जल्द से जल्द दोनों डोज लेकर खुद को सुरक्षित कर लेना चाहते हैं. को-वैक्सीन के दूसरे डोज में जहां 30 से 45 दिन का अंतर होता है वहीं कोविशील्ड में 84 दिनों के बाद दूसरा डोज दिया जाता है.

पीएम, सीएम ने भी लगवाई है को-वैक्सीन

रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार भी मानते हैं कि लोगों में स्वदेशी को-वैक्सीन को लेकर एक रुझान है. इसकी एक वजह यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे नेताओं ने को-वैक्सीन का टीका लिया है. ऐसे में लोगों को लगता है कि को-वैक्सीन ज्यादा असरदार है. सिविल सर्जन ने कहा कि दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. जो वैक्सीन उपलब्ध है उसे ले सकते हैं.

झारखंड में 2 जुलाई तक 68 लाख 93 हजार 690 वैक्सीन की डोज लगाई गई है. इसमें 57 लाख 24 हजार कोविशील्ड और 11 लाख 68 हजार डोज को-वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं. 764 लोगों ने स्पूतनिक-वी का भी टीका लिया है.

Last Updated : Jul 6, 2021, 11:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details