झारखंड

jharkhand

अवैध पत्थर खनन में कहां से आए विस्फोटक, भाजपा विधायकों ने वेल में किया हंगामा, कार्यवाही बाधित

By

Published : Mar 18, 2023, 9:55 PM IST

Etv Bharat
मंत्री बादल पत्रलेख और विधायक बिरंची नारायण ()

झारखंड विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान शनिवार को अवैध खनन और अवैध परिवहन को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी विधायक बिरंची नारायण के सवाल पर मंत्री बादल पत्रलेख के जवाब के बाद से बीजेपी विधायक हंगामा करने लगे.

रांची: बजट सत्र के 12वें दिन प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक बिरंची नारायण के सवाल पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. बिरंची नारायण ने पूछा कि क्या यह बात सही है कि पिछले 3 वर्षों में राज्य भर में अवैध पत्थर खनन और इसके अवैध परिवहन से सम्मिलित हजारों मामले सामने आए हैं जिसमें अवैध विस्फोटकों के इस्तेमाल का मामला भी शामिल है. इस पर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि एक्सप्लोसिव एक्ट भारत सरकार के अधीन आता है. भारत सरकार की तरफ से ही एक्सप्लोसिव दिया जाता है.

ये भी पढ़ें-CM हेमंत ने कहा- अब रात में जब हवाई जहाज मे ऊंचाई से देखता हूं तो कुछ दीए जलते दिखते हैं, पहले तो घुप्प अंधेरा रहता था

इस पर बिरंची नारायण ने कहा कि यह बात सही है लेकिन राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि जब वह खुद मानती है कि अवैध खनन से जुड़े कई मामले दर्ज किए गए हैं, तो फिर अवैध विस्फोटक का इस्तेमाल कैसे हुआ. क्या उग्रवादियों से सांठगांठ तो नहीं है.

इस हवाले से बिरंची नारायण ने स्पीकर से आग्रह किया कि विधानसभा की समिति बनाकर पूरे मामले की जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 20000 करोड़ के अवैध पत्थर खनन का घोटाला हुआ है. सरयू राय ने पूरक के तहत सदन को अवगत कराया कि 15 मार्च 2023 को एनजीटी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अवैध खनन से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. इस को नियंत्रित करने में राज्य सरकार विफल हो गई है.

हंगामे के बीच प्रभारी मंत्री ने कहा कि अवैध ढुलाई में रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है. उन्होंने बताया कि 2019 में 1110 निरीक्षण किए गए थे, जबकि उनकी सरकार ने 2022 में 3692 निरीक्षण किए. इस दौरान 565 प्राथमिकी दर्ज हुई और 1906 वाहन जब्त किए गए. यही नहीं 648 करोड़ की जुर्माना राशि भी वसूली गई. प्रभारी मंत्री ने बताया कि साल 2016-17 से साल 2018-19 में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 15784 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था, लेकिन हेमंत सरकार के कार्यकाल में साल 2020-21 से 2022-23 के बीच 30948 करोड़ का राजस्व मिला है.

मंत्री के जवाब को गोल-गोल बताते हुए भाजपा विधायक वेल में हंगामा करते रहे. इस दौरान स्पीकर ने कहा कि जरूरत होगी, तभी जांच कमेटी बनेगी. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थगित कर दी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details