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पचास हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर फंसा पेंच, जानिए विभागीय समीक्षा बैठक में क्यों नाराज हुए शिक्षा मंत्री

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Published : Dec 12, 2022, 7:58 PM IST

झारखंड में पचास हजार शिक्षकों की नियुक्ति का पर पेंच फंस गया है (Appointment of fifty thousand teachers). इस संबंध में विज्ञापन प्रकाशित करने के प्रस्ताव से मामला उलझ गया है. इस बाबत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की.

appointment of fifty thousand teachers in Jharkhand got stuck
appointment of fifty thousand teachers in Jharkhand got stuck

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रांची:राज्य में पचास हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर पेंच फंस गया है (Appointment of fifty thousand teachers). शिक्षा विभाग द्वारा कार्मिक विभाग को इस संबंध में विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए भेजे गए प्रस्ताव में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने के कारण शिक्षकों की नियुक्ति शुरू होने से पहले ही उलझकर रह गया है. यदि कार्मिक विभाग शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हूबहू मानकर नियुक्ति प्रक्रिया को हड़ी झंडी दे देता है तो एक बार फिर यह नियुक्ति भी विवादों में आने के आसार हैं.

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कार्मिक विभाग इन तमाम बिंदुओं पर अध्ययन करने में जुटी है. अपने विभागीय अधिकारियों के साथ सोमवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahato) ने विभागीय कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि जो भी अड़चनें आयेंगी उसे दूर कर लिया जायेगा. शिक्षा मंत्री के सरकारी आवास पर घंटों चली इस समीक्षा बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि मीडिल स्कूलों के प्रधानाध्यापक के करीब 9000 पद सृजन की स्वीकृति मंत्री स्तर से दे दी गई है और जल्द ही इसको लेकर प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

शत प्रतिशत बजट राशि खर्च करने का निर्देश:शिक्षा विभाग के द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में आवंटित बजट राशि 60% खर्च हुई है. शिक्षा मंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अभी जो समय शेष बचे हैं उनमें शत प्रतिशत आवंटित बजट राशि खर्च करें. उन्होंने सरेंडर पॉलिसी पर चेताते हुए अधिकारियों को कहा कि किसी भी हालत में राशि सरेंडर ना हो इसको ध्यान में रखना होगा. शिक्षा मंत्री ने कहा डीबीटी के माध्यम से पोषाक योजना की मिलनेवाली राशि पर असंतोष व्यक्त करते हुए जगरनाथ महतो ने कहा कि 610 रुपया बच्चों को मिलता है उसमें भी बैंक द्वारा खाता में कम राशि होने पर उसे काट लिया जाता है. ऐसे में बच्चों के अभिभावक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा बच्चों को समय पर मध्यान भोजन मिले इसके लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए बीईओ को जिम्मेदारी दी है और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अपने क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों के मध्यान्न भोजन सुनिश्चित कराने का काम करेंगे. यदि एक दिन भी मध्यान्न भोजन किसी स्कूल में नहीं मिला तो उस प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का 2 दिन का वेतन दंड स्वरूप काट लिया जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि बजट राशि कि खर्च और कामकाज में तेजी लाने के उद्देश्य से 5 दिन के बाद एक बार फिर विभागीय कार्यों की समीक्षा होगी और जो होमवर्क पदाधिकारियों को दी गई है उसमें देखा जाएगा कि कितना सुधार हुआ है. बैठक में शिक्षा सचिव के रवि कुमार, राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमार पासी सहित विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद हैं. समीक्षा बैठक में पोषाहार योजना, स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति, मॉडल स्कूल के कामकाज की समीक्षा की गई.

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