झारखंड

jharkhand

बेरोजगारी भत्ता पर सदन में घिरी सरकार, सुदेश के सवाल पर अटके मंत्री सत्यानंद

By

Published : Mar 21, 2023, 3:28 PM IST

2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम की ओर से बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था. साल 2020-21 के बजट में भी इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक एक भी युवा को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला है. इसी को लेकर सुदेश महतो ने मंगलवार को विधानसभा सवाल किया.

Etv Bharat
सदन में मंत्री सत्यानंद भोक्ता और विधायक सुदेश महतो

रांची: झारखंड के स्नातक और स्नातकोत्तर पास बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के रूप में एक फूटी कौड़ी नहीं मिली है. आजसू विधायक सुदेश महतो के सवाल पर श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता काफी देर तक गोलमोल जवाब देते रहे. सुदेश महतो ने कहा कि साल 2020-21 के बजट में मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत स्नातक पास बेरोजगारों को सलाना 5,000 और स्नातकोत्तर पास बेरोजगारों को सलाना 7,000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा हुई थी. आखिर उसका क्या हुआ? ‌

ये भी पढ़ें-Video: विधायक मनीष जायसवाल का कुर्ता फाड़ प्रदर्शन, जानिए वजह

मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने स्वीकार किया कि बेरोजगारों को कोई भत्ता नहीं दिया जा सका. क्योंकि साल 2020-21 में कोविड की वजह से बहुत कुछ प्रभावित हुआ था. उन्होंने कहा कि नियोजन सेवा का विस्तार योजना और मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना को प्रत्यर्पित करते हुए मुख्यमंत्री सारथी योजना के नाम से एक नई योजना शुरू करने का फैसला लिया गया है. यह योजना 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी.

इस योजना के तहत प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का संचालन करने के संबंध में गैर आवासीय प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को उनके घर से प्रशिक्षण केंद्र तक आने-जाने के लिए हर माह 1000 रुपए डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी. प्रशिक्षण के बाद प्रमाणित सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणीकरण के 3 माह के अंदर नियोजन ना होने की स्थिति में अधिकतम एक साल तक युवकों को हर माह 1,000 और युवतियों, दिव्यांग और परलैंगिक को हर माह 1500 रुपए रोजगार प्रोत्साहन भत्ता के रूप में दिया जाएगा.

इसपर सुदेश महतो ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से झारखंड की सरकार युवाओं के सेंटीमेंट से खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि जब 2020-21 के बजट में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की गई थी, तो उस सवाल के जवाब में अस्वीकारात्मक शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया है. इस पर पर मंत्री को जवाब देते नहीं बना तो स्पीकर ने कहा कि मंत्री इस बात को स्वीकार कर रहे हैं.

सुदेश महतो ने पूछा कि यह सुविधा कितने छात्रों को मिलेगी. क्या इसके लिए कोई लिमिट है तो जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण लेने वाले सभी को इसका लाभ मिलेगा. आपको बता दें कि यह प्रश्न 13 मार्च को ही आया था लेकिन वित्त विभाग के पास यह प्रश्न चला गया था. जिसे बाद में दोबारा लिस्ट कर श्रम विभाग की तरफ से जवाब दिलाया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details