रांची:शिक्षा विभाग ने झारखंड के 6 जिला शिक्षा अधीक्षकों के मई के वेतन पर रोक लगा दी है. वहीं एक बीईओ (Block Education Officer BEO) को निलंबित करने का आदेश भी जारी हुआ है. मध्यान्ह भोजन योजना (Mid Day Meal Scheme) की राशि वितरण में अमियतता बरतने पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है.
इसे भी पढ़ें:उत्तराखंड के चंपावत में फिर हुआ विवाद, बच्चों ने अनुसूचित जाति की भोजनमाता के हाथों से बना खाना खाने से किया इनकार
क्या है पूरा मामला: दरअसल, शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने मध्यान्ह भोजन योजना को लेकर 25 मई को एक वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी. बैठक में योजना की समीक्षा के बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई थी. जिसमें यह मिला कि राज्य के साहिबगंज, हजारीबाग, लातेहार, पूर्वी सिंहभूम, पलामू, दुमका, रांची, सरायकेला जैसे जिलों में स्कूलों को मध्यान भोजन की राशि उपलब्ध करानी थी लेकिन, इसमें अनियमितता बरती गई है. शिक्षा सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को 3 दिनों में सभी स्कूलों को राशि भेजने का निर्देश दिया था. जिसके बाद 6 जिला शिक्षा अधीक्षकों और एक बीईईओ पर कार्रवाई की गई है.
मांगा गया स्पष्टीकरण: विभाग ने शिक्षा अधीक्षकों से स्पष्टीकरण भी मांगा है. संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक को 31 मई 2022 तक अपना स्पष्टीकरण विभाग को सौंपना है. जिला शिक्षा अधीक्षकों से सवाल किया गया है कि अभी तक सभी अहर्ता धारी छात्रों के बीच मिडडे मील की राशि वितरित क्यों नहीं की गई. ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाए. खाद्य सुरक्षा भत्ता वितरण में लापरवाही बरतने के कारण अधिकारियों को भविष्य में प्रशासनिक पदों पर क्यों रखा जाए. जिला शिक्षा अधीक्षकों को इन सभी सवालों का जवाब देना है.
शिक्षा सचिव की चेतावनी: शिक्षा सचिव ने शिक्षा निदेशक और अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि 30 मई 2022 तक किसी भी हाल में सभी छात्रों तक अनिवार्य रूप से एमडीएम (Mid Day Meal Scheme) की राशि उपलब्ध करा दी जाए. ऐसा नहीं किया गया तो मामले को लेकर बड़े स्तर पर जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी होगी.