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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का रामगढ़ दौरा, शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस कार्यक्रम में होंगे शामिल

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 27, 2023, 6:53 AM IST

Updated : Nov 27, 2023, 8:03 AM IST

martyrdom day program of Sobran Soren in Ramgarh मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज (27 नवंबर) रामगढ़ दौरे पर रहेंगे. वो अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचेंगे. उनके साथ राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन भी रहेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे.

Chief Minister Hemant Soren will participate in martyrdom day program of Sobran Soren in Ramgarh
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का रामगढ़ दौरा

रामगढ़: राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के पिता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा सोबरन सोरेन का 66वां शहादत दिवस गोला प्रखड के बरलंगा लुकैयाटांड़ में मनाया जायेगा. प्रत्येक वर्ष शहादत दिवस पर नेमरा के लुकैयाटांड़ में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. जिसमे हजारों की संख्या में लोग उन्हें नमन करने व श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं. अमर शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन सहित कई मंत्री, विधायक और नेता शिरकत करेंगे.

कार्यक्रम को लेकर भव्य पंडाल बनाया गया है, जिसमें 10 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिले के उपायुक्त चंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडे ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर खुद मॉनिटरिंग की. रामगढ़ झामुमो जिला अध्यक्ष विनोद किस्कू भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर तैयारी में कोई चूक ना रहे इसकी देखरेख कर रहे हैं.

सोबरन सोरेन पेशे से शिक्षक थे और उस समय जमींदारी प्रथा का विरोध करते थे. उन्होंने महाजनी शोषण और गांव में शराबबंदी को लेकर आवाज उठायी. तब पूरे इलाके में महाजनों का ही राज था. जमींदारों ने उनकी हत्या 27 नवंबर 1957 को लुकैयाटांड़ में कर दी थी. बताया जाता है कि जिस वक्त सोबरन सोरेन की हत्या हुई थी, वह अपने गांव नेमरा से गोला हाई स्कूल जा रहे थे. दिशोम गुरु शिबू सोरेन इसी स्कूल के हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहे थे. सोबरन सोरेन उनके लिए चावल लेकर जा रहे थे, इसी दौरान पहाड़ी क्षेत्र लुकैयाटांड़ में घेर कर सोबरन सोरेन की महाजनों ने हत्या कर दी थी. उनकी याद में इसी स्थान पर हर वर्ष शहादत दिवस मनाया जाता है. इस हत्याकांड ने किशोर शिबू सोरेन के मन पर गहरा असर डाला था, बाद में लंबे संघर्ष के बाद पूरे इलाके से सूदखोरी प्रथा का उन्होंने खात्मा कर दिया.

Last Updated : Nov 27, 2023, 8:03 AM IST

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