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झारखंड में बसों के परिचालन की अब तक नहीं मिली अनुमति, आर्थिक संकट से जूझ रहे बस मालिक

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Published : Jun 28, 2021, 6:17 AM IST

Updated : Jun 28, 2021, 9:06 AM IST

कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (Health Safety Week) लागू किया गया है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही राज्य में 3 मई से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई, जिसमें कई पाबंदियों में छूट दी गई, लेकिन अब तक बसों के परिचालन की अनुमति नहीं दी गई है, जिसके कारण बस मालिक और और बस परिचालन से जुड़े लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

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बसों के परिचालन की अनुमति

रामगढ़:झारखंड मेंस्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (Health Safety Week) के दौरान बसों के परिचालन (Operation of Buses) पर पूरी तरह से रोक है, जिसके कारण बस मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर, खलासी, एजेंट और इससे जुड़े लोगों के सामने भुखमरी की समस्या हो गई है. अब इन लोगों ने सरकार से कोविड-19 के गाइडलाइन के तहत बस परिचालन शुरू करने की मांग की है.

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झारखंड सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण 16 मई से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत बस परिवहन पर पूरी तरह रोक लगा दी है. सरकार के आदेश के बाद बस परिचालन पूरी तरह से बंद है. रामगढ़ शहर के छावनी परिषद स्थित बिरसा मुंडा बस पड़ाव से भी बसों का परिचालन ठप हो गया है, जिससे बस पड़ाव पर सन्नाटा पसरा है. बसों का परिचालन बंद होने का सीधा असर बस संचालकों और इससे जुड़े लोगों पर पड़ा है.

रामगढ़ से 100-200 बसों का संचालन

रामगढ़ से हर दिन लगभग 100-200 बसों का संचालन होता है, जो छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार, ओडिशा, प. बंगाल सहित अन्य राज्यों में जाती हैं, लेकिन इन दिनों बसों का संचालन बंद है, जिसके कारण बस संचालक और इससे जुड़े चालक, कंडक्टर, एजेंट और क्लीनर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. बस संचालकों ने सरकार से कोरोना गाइडलाइन के तहत बसों के संचालन की अनुमति की मांग की है.


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बसों के परिचालन की मांग
बस संचालन से जुड़े लोगों का कहना है कि 16 मई को जब स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह और बसों के परिचालन पर रोक लागू की गई थी, तब हम लोगों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया था. लेकिन अब जब संक्रमण की रफ्तार कम हो गई है, ट्रेन और छोटी गाड़ियों के परिचालन की अनुमति दे दी गईं हैं. अनलॉक-4 के दौरान सरकार ने कई पाबंदियां हटाई हैं तो बसों के परिचालन की भी अनुमति दे देनी चाहिए. उन्होंने सरकार से कोरोना गाइडलाइन के तहत बसों का परिचालन शुरू करने देने की मांग की है.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे बस मालिक


बस संचालकों ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान बसें खड़ी हैं. जिससे बस मालिकों को कर्ज पर लिए गए वाहनों की किश्त का भुगतान ( ईएमआई देना) करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि कई बस मालिकों को बसों की फिटनेस पर ध्यान देना है, सरकार को टैक्स देना है. बसों के परमिट की वैधता समाप्त हो चुकी है, उसको रिन्यू कराना है. ड्राइवर, कंडक्टर और खलासी को वेतन भी देना है. ऐसे में बसों का परिचालन नहीं होने से इससे जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट आ गया है.

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कब से लागू है स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू
झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह पहली बार 22 से 29 अप्रैल 2021 तक लगाया गया था, फिर 30 अप्रैल से 5 मई तक इसका विस्तार किया गया. तीसरी बार 6 मई से 13 मई तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह बढ़ाया गया था. चौथी बार 14 मई से 27 मई तक और फिर पांचवी बार 27 मई से 3 जून तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू किया गया. हालांकि इसके साथ ही 3 मई से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी.

Last Updated :Jun 28, 2021, 9:06 AM IST

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