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जर्जर सड़क में 3 दिनों से फंसा है सैकड़ों मालवाहक वाहन, ट्रक चालकों ने खुद करवाई मरम्मत

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Published : Jul 27, 2020, 12:51 PM IST

पाकुड़ में जर्जर सड़क के कारण पिछले 3 दिनों से सैंकड़ों मालवाहक वाहने फंसे हैं. जिसकी अब तक किसी ने सुध नहीं ली. जिसके बाद वहां फंसे ट्रक मालिकों ने पैसे इकट्ठा कर खुद सड़कों पर उभरे गड्ढों को समतल कराया.

shabby road in pakur
पाकुड़ में जर्जर सड़क

पाकुड़: नगर परिषद और पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही के कारण वर्षों से पाकुड़-धुलियान बाईपास सड़क जर्जर है. इस सड़क से गुजरने वाली भारी वाहन पलट रही हैं और कुछ वाहन सड़क में उभरे गड्ढों में फंस कर रह जा रहे हैं. जिससे ट्रक चालकों की परेशानी बढ़ गई है, वे कई दिनों से वहां फंसे हुए हैं.

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बताया जा रहा कि रविवार की देर रात पत्थर से लदा एक हाइवा जर्जर सड़क पर किसी तरह जाने का प्रयास किया तो वह पलट गया. वहीं प्यादापुर गांव के पास तीन ट्रक गड्ढे में फंस गए. इन वाहनों के गड्ढों में फंस जाने के कारण दोनों ओर से आने जाने वाले सैकड़ों ट्रकों की लंबी कतारें लग गयी. दो दिन से फंसे वाहन चालकों की जब किसी ने नहीं सुनी तो थक हारकर वाहन चालकों ने आपस में पैसे इकट्ठे कर जेसीबी मंगवाई और उभरे गड्ढों को समतल कराया. सड़क के सैकड़ों स्थानों में उभरे गड्ढों को जेसीबी से भरा गया, जबकि गड्ढों में फंसे कई वाहनों को धकेलकर आगे बढ़ाया गया. कई वाहनों के कल-पुर्जे क्षतिग्रत हो जाने के कारण अभी भी फंसे हुए हैं. सड़क जर्जर रहने को लेकर ट्रक चालकों और मालिकों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश देखा गया.ये भी पढे़ं-रांचीः रिम्स कैंटीन के 3 कर्मचारियों को हुआ कोरोना, राज्य में रिकवरी रेट में आई 10 प्रतिशत की कमी


बता दें कि पाकुड़-धुलियान बाईपास सड़क वर्षों से जर्जर है और इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों पत्थर, बीड़ी, सब्जी और अन्य सामानों से लदे सैकड़ों वाहन प्रतिदिन पश्चिम बंगाल, बिहार राज्य आवागमन करते है. यह बाईपास सड़क नगर परिषद के अधीन आता है और नगर परिषद ने इस सड़क को दुरुस्त कराने के लिए बीते 6 माह पूर्व 42 लाख रुपये का इस्टीमेट बनाया था और टेक्निकल स्वीकृति के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को भेजा था, लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी पीडब्ल्यूडी विभाग ने टेक्निकल स्वीकृति नहीं दिया. जिस कारण बाईपास सड़क की मरम्मती नहीं करायी जा सकी और आज खास कर भारी वाहनों के चालक जान हथेली पर लेकर इस सड़क से गुजरने को मजबूर है.

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