लातेहारः जिला के बालूमाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत फुल बसिया रेलवे साइडिंग में खड़ी एक हाइवा में बुधवार रात रहस्यमय रूप से आग लग गई. इस घटना में ट्रक के चालक रूपलाल महतो की जलकर मौत हो गई. मृतक चतरा जिला के टंडवा का रहने वाला था. हालांकि ट्रक में आग कैसे लगी इसकी स्पष्ट जानकारी अभी नहीं हो पाई है. कुछ लोग इसे अपराधियों द्वारा की गई करतूत की संभावना जता रहे हैं. वहीं कुछ लोग शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं.
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लातेहार में ट्रक में आग की घटना को लेकर बताया जा रहा है कि बुधवार को फुल बसिया रेलवे साइडिंग में कोयला लेकर हाइवा पहुंचा था. कोयला लोड करने के बाद ड्राइवर ने हाइवा को साइडिंग के पास ही जाकर खड़ा कर दिया. इसी बीच देर रात अचानक ट्रक को जलता हुआ देख आसपास के लोग जमा हुए और आग बुझाने का प्रयास किया, पर आग इतनी भीषण थी कि उसपर काबू नहीं पाया जा सका. इस हादसे में हाइवा का ड्राइवर भी ट्रक में ही फंस गया और आग की चपेट में आने से चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. गुरुवार सुबह स्थानीय लोगों द्वारा इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई.
अपराधियों ने लगाई या खुद लगी आग? लातेहार में आग की घटना की सूचना मिलने के बाद बालूमाथ थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने आसपास के लोगों से इस संबंध में पूछताछ की और पूरी घटना की जानकारी ली. हालांकि छानबीन में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किसी अपराधी या उग्रवादी ने इस घटना को अंजाम दिया है या फिर ट्रक में आग शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य कारण से लगी है. थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की हर पहलू को ध्यान में रखकर बारीकी से मामले में जांच की जा रही है उसके बाद ही साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है. लेकिन घटनास्थल पर किसी अपराधी या उग्रवादी संगठन द्वारा कोई पर्चा नहीं छोड़ा गया है.
अपराधियों और उग्रवादियों के निशाने पर रहते हैं कोयला व्यापारीः इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक चालक के परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. इधर पुलिस द्वारा शव को कब्जे में ले लिया गया है और पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल भेजने की तैयारी रही है. बता दें कि इस इलाके के कोयला व्यापारी अपराधियों और उग्रवादियों के निशाने पर रहते हैं. लेवी और रंगदारी की मांग को लेकर अक्सर अपराधी और उग्रवादी क्षेत्र में दहशत बनाने के लिए इस प्रकार की घटना को अंजाम देते हैं. लेकिन इस घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी या उग्रवादी संगठन द्वारा इसकी जिम्मेदारी अब तक नहीं ली गयी है. ऐसे में यह मामला काफी पेचीदा हो गया है.