कोडरमा:कोडरमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने जयनगर थाना कांड संख्या 02/22 और एसटी 73/22 एक नाबालिग बच्ची को बहला-फुसलाकर और प्रलोभन देकर 60 हजार रुपए में बेच दिए जाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को पांच आरोपियों को आईपीसी की धारा 370(4) के तहत दोषी पाते हुए 14 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों में मनगीता देवी, हिसुआ नवादा निवासी हरिओम चौधरी, वजीरगंज गया निवासी पूजा देवी, पीलीभीत (यूपी) निवासी राजेंद्र कुमार और रामकुमार शामिल हैं. अदालत ने आरोपियों पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर आरोपियों को दो वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी.
Koderma Court Verdict: मानव तस्करी मामले में पांच आरोपियों को 14 वर्ष का सश्रम कारावास, कोडरमा कोर्ट ने सुनाया फैसला
मानव तस्करी के मामले में कोडरमा की अदालत ने पांच दोषियों को 14 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 60 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. आरोपियों पर नाबालिग बच्ची को अगवा कर बेचने का आरोप था. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया है.
अलग-अलग धाराओं में कोर्ट ने सुनाई सजाः वहीं न्यायालय ने इन आरोपियों को 366 A में दोषी पाते हुए सात वर्ष सश्रम कारावास और 12,000 का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर इन आरोपियों को 15 महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी. साथ ही न्यायालय ने इन आरोपियों को धारा 120 बी के तहत दोषी पाते हुए 5 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. आरोपियों की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
बच्ची की मां ने थाने में दर्ज करायी थी प्राथमिकीः बताते चलें कि मामले को लेकर नाबालिग बच्ची की मां ने जयनगर थाना में कांड संख्या 02/22 दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी नाबालिग पुत्री पांच जनवरी 2022 को 6:00 बजे शौच के लिए गई थी. उसके बाद वापस घर नहीं लौटी. काफी खोजबीन करने पर भी उसका पता नहीं चला. इसी दौरान पड़ोस की एक लड़की ने बताया कि आपकी पुत्री को मनगीता देवी के साथ जाते हुए देखा गया है. 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची की मां के आवेदन पर जयनगर थाना में कांड दर्ज करते हुए एसपी के निर्देश पर जयनगर पुलिस ने तत्परता से जांच शुरू की. जांच के क्रम में पुलिस ने राजकुमार को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की. पूछताछ के क्रम में राजकुमार की निशानदेही पर पुलिस ने राजेंद्र कुमार के पीलीभीत स्थित आवास पर छापेमारी की. जहां से नाबालिग बच्ची को पुलिस ने बरामद किया और कोडरमा लेकर आयी.
अदालत में आठ गवाहों का बयान दर्ज करने बाद सुनाया फैसलाः अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक पीके मंडल ने किया. इस दौरान अदालत में कुल आठ गवाहों का परीक्षण कराया गया. लोक अभियोजक पीके मंडल ने कार्रवाई के दौरान न्यायालय से अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया. वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आमिर निजामी ने अभियुक्त का बचाव करते हुए दलीलें पेश की. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत पांचों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया.