झारखंड

jharkhand

Khuti News: खूंटी वन प्रमंडल अलर्ट 10 हाथियों को खदेड़ा बंगाल, एक साल में हाथियों ने जिले में ली 10 की जान

By

Published : Feb 25, 2023, 7:53 PM IST

झारखंड में हाथियों के आतंक को लेकर खूंटी वन प्रमंडल पूरी तरह अलर्ट मोड में काम कर रहा है. खूंटी के कई इलाके में हाथियों ने डेरा जमा रखा है वहीं तमाड़ इलाके से 10 हाथियों को बंगाल की तरफ खदेड़ा गया है. खूंटी वन प्रमंडल ने हाथियों से बचाव को लेकर अपनी QRT टीम को हाई अलर्ट पर रखा है.

elephants killed 10 people in district
elephants

खूंटी: खूंटी वन प्रमंडल में जंगली हाथियों के आतंक से कई ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. रानियां और कर्रा प्रखंड के कुछ इलाके हाथी कॉरिडोर बन गए हैं. साथ ही रांची जिला का तमाड़ सोनाहातू इलाका भी हाथियों का सुरक्षित जोन बन गया है. इसके अलावा खूंटी वन प्रमंडल समय समय पर अपनी त्वरित कार्रवाई टीम (क्यूआरटी) को क्षेत्र में हाथी भगाने के लिए लगाती रही है. इस तैयारी के बाद भी जिले में एक साल के भीतर हाथी खूंटी वन प्रमंडल क्षेत्र में 9 ग्रामीण और एक वनरक्षी को पटक-पटक कर मार डाला है.

ये भी पढ़ें:Elephants in Jharkhand: जानें क्यों गुस्से में हैं गजराज, मचा रहे उत्पात

जिला वन पदाधिकारी कुलदीप मीणा ने बताया कि वर्तमान में रानियां में 12 हाथियों का समूह है. तमाड़ इलाके में भी दस बारह हाथियों का झुंड था, लेकिन तमाड़ से हाथियों को बंगाल की तरफ खदेड़ा गया है. हाल के दिनों में हाथियों ने पूरे झारखंड में आतंक मचा रखा है और एक हाथी ने 8 फरवरी से 23 फरवरी के बीच में 14 लोगों की जान ले ली है. हाथियों के आतंक से बचने के लिए समय समय पर जन जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों में चलाए जाते हैं. लंबी दूरी की लाइट और पटाखों के माध्यम से वन विभाग के कर्मचारी हाथियों पर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं. लेकिन खरीफ फसल के दौरान हाथियों का विचरण धान की खेतों में ज्यादा रहता है. इससे धान समेत अन्य साग सब्जियों की खेती को हाथी नुकसान पहुंचाते हैं और कई बार आम ग्रामीण भी हाथियों का शिकार बन जाते हैं.

मार्च 2022 से अबतक हाथियों ने जिले में दस लोगों की जान ली जिसमे एक वनकर्मी भी शामिल हैं. हाथियों द्वारा मकान तोड़ना, फसलों को रौंदना और आम जनता को क्षति पहुंचाने का क्रम जारी है. हालांकि हाथियों को भगाने के लिए बम पटाखे और लाइट की व्यवस्था समय समय पर की जाती है. लेकिन हाथियों के झुंड से बिछुड़े हाथी ग्रामीणों को और घरों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.

जिला वन पदाधिकारी कुलदीप मीणा के अनुसार सरकार की ओर से मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाता है, साथ ही सुदुरवर्ती जंगल पहाड़ों में रहने वाले आम नागरिकों को वन विभाग द्वारा जागरूक कर हाथी भागने के लिए आवश्यक सामग्री दी जाती है, साथ ही हाथियों के आवागमन के रास्ते को ग्रामीण बाधित न करें और हाथियों के आने से उनका पीछा न करें इसकी जानकारी भी दी जाती है. ग्रामीण अगर इस बात पालन करें तो नुकसान से बचा जा सकता है. हालांकि हाथी ने जिस तरह से झारखंड में आतंक मचा रहे हैं खूंटी वन प्रमंडल भी पूरी तरह से सतर्क है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details