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जामताड़ा: अपनी मांगों को लेकर गोलबंद हुए ग्राम प्रधान, मालगुजारी ऑफलाइन वसूलने की कर रहे हैं मांग

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Published : Nov 10, 2020, 12:16 PM IST

जामताड़ा जिले में अपने हक और अधिकार को लेकर ग्राम प्रधान गोलबंद हुए हैं. वहीं, मालगुजारी ऑफलाइन वसूलने करने की मांग कर रहे हैं.

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ग्राम प्रधान की मांग

जामताड़ा: जिले के ग्राम प्रधान अपने हक और अधिकार को लेकर गोलबंद होने लगे हैं. गोलबंद होकर जिला के ग्राम प्रधान अपने हक और अधिकार की मांग कर रहे हैं. ग्राम प्रधान ऑफलाइन मालगुजारी वसूली करने की मांग की है. न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का चेतावनी दी है.

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ऑफलाइन मालगुजारी वसूली करने का अधिकार

लंबित मालगुजारी की वसूली ऑफलाइन व्यवस्था में समय सीमा के अंदर पूर्ण हो. सभी प्रखंडों में राजस्व ग्राम प्रधान का संगठन सशक्त हो इसको लेकर जामताड़ा जिला के सभी राजस्व ग्राम प्रधान गोलबंद होकर अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. इसे लेकर जिला स्तरीय राजस्व ग्राम प्रधान संघ एक बैठक आयोजित कर अपने हक और अधिकार को लेकर आगे आंदोलन करने और न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की का फैसला लिया है.

ग्राम प्रधानों को नहीं मिल रहा है सम्मान राशि

जिला ग्राम प्रधानों को संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के तहत जो अधिकार दिया गया है, वह अधिकार नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर प्रधान सरकार से और प्रशासन से उनके अधिकार देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन न अधिकार दिया जा रहा है न कोई कार्रवाई की जा रही है. नतीजा अब जिला के ग्राम प्रधान गोलबंद होकर आगे की लड़ाई लड़ने का रणनीति तैयार कर रहे हैं.

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ग्राम प्रधानों को भी नहीं मिल रहा सम्मान राशि

जिले के ग्राम प्रधानों को सरकार की तरफ से एक सम्मान राशि दिए जाने का निर्धारित किया गया है, लेकिन 7 महीने से ग्राम प्रधानों को सम्मान राशि का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है. जिसे लेकर ग्राम प्रधानों में काफी रोष है. जिला के ग्राम प्रधानों ने सरकार और प्रशासन से सम्मान राशि बकाया का भुगतान करने और न्यायालय के आदेश के तहत मालगुजारी का वसूली करने का निर्देश जारी करने का मांग किया है. जिले के राजस्व ग्राम प्रधानों का कहना है कि कंधे से कंधा मिलाकर जिला प्रशासन का साथ देते आ रहे हैं, लेकिन उनका सम्मान का राशि 7 महीने से बकाया है और नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही ग्राम प्रधानों ने कहा है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रशासन उनके मालगुजारी ऑफलाइन है. वसूलने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है और न ही इसके लेकर कोई कार्रवाई की जा रही है. जिला के ग्राम प्रधानों का कहना है कि यदि उनके अधिकार को नहीं दिया गया और न्यायालय के आदेश को नहीं माना जाएगा तो अवमानना को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.

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