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बरबेंदिया पुल निर्माण को हेमंत सरकार की मंजूरी, शुरू हुई राजनीति और श्रेय लेने की होड़

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 9, 2023, 1:15 PM IST

Updated : Oct 9, 2023, 3:24 PM IST

जामताड़ा में बरबेंदिया पुल निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद राजनीति शुरू हो गयी है. जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने इसे अपने द्वारा किये गये प्रयासों का प्रतिफल बताया. दूसरी ओर भाजपा खुद इसका श्रेय लेने की कोशिश में है. Politics over barbendia bridge in Jamtara.

Politics started after getting approval for construction of barbendia bridge in Jamtara
जामताड़ा में बरबेंदिया पुल निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद राजनीति

जामताड़ा में बरबेंदिया पुल निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद राजनीति शुरू

जामताड़ाः धनबाद जामताड़ा को जोड़ने वाली बराकर नदी के बिरगांव और बरबेंदिया घाट पर पुल निर्माण को झारखंड सरकार द्वारा मंजूरी मिल गयी है. इसके बाद बरबेंदिया पुल को लेकर राजनीति शुरू हो गई है और सियासी दलों में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है. जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी खुद इसका श्रेय ले रहे हैं तो भाजपा इसे अपने खाते में जोड़ने की कोशिश कर रही है.

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पुल बनाना चुनौती- इरफान अंसारीः जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि पुल बनाना उनके लिए चुनौती थी. बराकर नदी के बिरगांव बरबेंदिया घाट पर पुल बनाना उनके लिए किसी से चुनौती कम नहीं थी क्योंकि लोगों से वादा किया था कि वे बरबेंदिया पुल बनाकर रहेंगे. विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार ने पुल नहीं बनाया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था. बरबेंदिया पुल राजनीति की शिकार भी हुई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जामताड़ा और संथाल परगना के लोगों को एक बड़ी सौगात दी. हेमंत सरकार ने पुल निर्माण की मंजूरी देकर यहां के लोगों के सपने को साकार किया. विधायक ने कहा कि भाजपा के लोग झूठा श्रेय लेना चाहते हैं, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.

भाजपा की दलीलः भारतीय जनता पार्टी बराकर नदी के बिरगांव बरबेंदिया पुल निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद खुद इसका श्रेय ले रही है. भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वीरेंद्र मंडल का कहना है कि निरसा विधायक अर्पणा सेनगुप्ता द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान पुल निर्माण को लेकर जोरदार ढंग से आवाज उठाई गयी थी. इतना ही नहीं राज्यपाल सीपी राधाकृषणन संथाल परगना दौरे के दौरान जामताड़ा पहुंचे थे, जहां ग्रामीणों ने उनसे बरबेंदिया पुल के निर्माण की मांग रखी थी. जिसपर राज्यपाल ने लोगों को भरोसा दिया था वो जल्द ही इस दिशा में पहल करेंगे. इसी का परिणाम रहा कि हेमंत सरकार को पुल बनाने के लिए मंजूरी देनी पड़ी.

खत्म होगा 14 साल का वनवास! बराकर नदी के बिरगांव बरबेंदिया पुल का श्रेय लेने ही होड़ राजनीतिक दलों में लगी है. वहीं सरकार से मंजूरी मिलने के बाद स्थानीय लोगों के सपने साकार होते नजर आ रहे हैं. अब लोगों को इंतजार है कि पुल का निर्माण कार्य शुरू हो, जिससे उनके 14 साल का वनवास खत्म हो. बता दें कि वर्ष 2007-2008 में बराकर नदी में बरबेंदिया पुल का निर्माण शुरू हुआ था. अगर तय समय पर पुल बन जाता तो झारखंड के 8 जिले सीधे एक दूसरे से जुड़ जाते. निरसा से जामताड़ा की दूरी 40 किलोमीटर से घटकर महज 25 किलोमीटर हो जाती. इसके अलावा धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, दुमका, गोड्डा, संथाल परगना के जामताड़ा से सीधे जुड़ जाते. जिससे रोजगार भी बढ़ता, विशेषकर निरसा और जामताड़ा का और विकास होता.

पुल बन जाता तो ये नहीं होता! याद कीजिए 2022 का वो नाव हादसा, जिसमें 14 लोगों की डूबने से मौत गई थी. 24 फरवरी 2022 को भयंकर बारिश और आंधी-तूफान में बराकर नदी में एक बड़ा नाव हादसा हुआ. कुछ लोग किसी तरह तैरकर बाहर निकले तो कुछ लोगों को आसपास के ग्रामीणों ने बचाया. शाम के समय हादसा होने के कारण बच्चे, महिला एवं पुरुष कुल मिलाकर 14 लोगों की जान चली गई थी.

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Last Updated :Oct 9, 2023, 3:24 PM IST

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